अपोलों के डाक्टरों ने मौत को दिया धोखा…एन्यूरिज्म रैप्चर का किया सफल इलाज..78 साल की महिला को दिया नया जीवन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अपोलो हॉस्पिटल की टीम ने घातक बिमारी का इलाज कर बृद्ध महिला को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों की टीम ने ब्रेनहैमरेज के अनोखे रोग का सफल इलाज कर मध्यभारत चिकित्सा क्षेत्र में नया आयाम भी स्थापित किया है। डाक्टरो की टीम ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 78 साल की महिला की मस्तिष्क की नसें गुब्बारे की तरह फूलने के बाद फट गयी थी। बावजूद इसके जटिल चुनौतियों के बीच नसों का ना केवल सफल आपरेशन किया गया। बल्कि अपोलो ने अपनी जिम्मेदारियों का सफल निर्वहन भी किया है। 

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अपोलो की टीम ने ब्रैनहैमरेज की अनोखी लेकिन गंभीर बीमारी एन्यूरिज्म रैप्चर का सफल ईलाज कर मध्यभारत चिकित्सा क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है। पत्रकार वार्ता में डॉ.ए.बी.भट्टाचार्य, डॉ.राजकुमार और डॉ.सुनील शर्मा ने बताया कि एन्यूरिज्म रैप्चर ब्रैनहेमरेज की रेयर लेकिन खतनाक बीमारी है। लेकिन अपोलो की टीम ने 78 साल की वयोबृद्ध महिला का इलाज कर ना केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। डॉ.एबी भट्टाचार्य ने बताया कि इस प्रकार की बीमारी में सिर में भयंकर दर्द होता है। लोगों को लगता है कि सामान्य दर्द है। जब तक लोगों को मामला कुछ समझ में आता है तब तक मरीज हमसे बहुत दूर हो चुका होता है।

 डॉ.भट्टाचार्य ने बताया कि सितम्बर महीने में 78 साल की एक महिला को सामान्य सिर दर्द की शिकायत के साथ अपोलो अस्पताल लाया गया। मौके पर मौजूद डॉक्टर ने महिला को तत्काल इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया। इमरजेन्सी में तैनात डाक्टरों की टीम को सामान्य सिर दर्द दिखने वाली समस्या को भांपने में देर नही लगी। जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि महिला एन्यूरिम रैप्चर से पीडित है। यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो महिला की मौत भी निश्चित है। समय पर उपचार होेने के बाद आज महिला पूरी तरह से स्वस्थ्य है। आपातकालीन विभाग अपोलों के वरिष्ठ सलाहकार डॉ ए बी भट्टाचार्य ने बताया एन्युरिम रैप्चर से पीड़ित मरीजों को तत्काल आवश्यक चिकित्सा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे प्रकरणों में थोड़ी भी देरी का मतलब जिन्दगी से हाथ धोना है।

                 महिला के प्रकरण में वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ सुनील शर्मा और डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि लक्षणों की सही पहचान के बाद तत्काल उचित जांच कार्रवाई को अंजाम दिया गया। सीटी एंजियोग्राफी टेस्ट के दौरान पाया गया कि  मरीज के मस्तिष्क की नसें अत्यधिक रक्तचाप के कारण गुब्बारा की तरह फूल कर फट गयी हैं। मरीज का तत्काल कॉलिंग के माध्यम से उपचार किया गया। महिला की उम्र बहुत अधिक होने के कारण सर्जरी के दौरान टीम को जटिल और चुनौतीपूर्ण  स्थितियों का सामना भी करना पड़ा। हमें अब बात की खुशी है कि मरीज पूर्ण स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन व्यतीत कर रही है।

 

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