महिला आयोग अध्यक्ष ने..किशोरियों को किया सावधान..कहा..जिन्दगी फिल्मी नहीं..पुरूष भी होते है प्रताड़ित

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— हमारी कोशिश होती है कि परिवार टूटने से बचे…पूरा प्रयास किया जाता है कि लोग डांट फटकार के बाद गलती का अहसास करें…समझ आने के बाद सुधार भी करें। क्योंकि गलती होती है और उसे सुधारा भी जा सकता है। यह बातें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक पत्रकार वार्ता के दौरान कही। किरणमयी नायक ने बताया कि गलती महिलाओं की भी होती है। हमें मालूम होता है कि महिलाएं कहां गलत और सही है। लेकिन यह भी सही है कि पुरूष भी प्रताडित होते हैं।

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               राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि कोविड काल के चलते आयोग की प्रक्रिया में देरी हुई है। अब लगातार प्रदेश में महिलाओं की समस्याओं को सुना जा रहा है। बिलासपुर में दो दिन सुनवाई होगी। अभी तक हमारे पास बिलासपुर जिले से कुल 160 प्रकरण म मिले है। दो दिनों में हम 40 प्रकरण सुनेंगे। आज हमने कुल 20 प्रकरणों पर पक्षकारों से बातचीत की है।

                 सवाल जवाब के दौरान किरणमयी नायक ने बताया कि किशोर होती लडकियों को बताना चाहूंगा कि वह सोच समझकर ही कदम उठाएं। गलती को जीवन भर भुगतना पड़ता है। सम्बन्ध बनाने से पहले अपने जीवन पर फोकस करें।

        एक सवाल के जवाब में राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने बताया कि आयोग के सामने ज्यादातर मामले यौन शोषण से लेकर दहेज प्रताड़ना के ज्यादा आते हैं। सामान्य लड़ाई झगड़े के भी होते हैं। हमारा प्रयास होता है कि सभी मामलों को आपसी सहमति से हल करने का प्रयास होता है। सवाल जवाब के दौरान नायक ने बताया कि महिलाएं भी झूठी शिकायत करती हैं। लेकिन हम डांट फटकार से सच को बाहर निकालते हैं।

             महिलाओं के साथ धोखा के सवाल पर महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि हां ऐसा होता है। ज्यादतर किशोरी होती बच्चियों के साथ देखने में आया है। बालिग होते ही प्यार के चक्कर में शादी कर लेती है। बिना सोचे समझे उठाए गए कदम से उन्हें ही खामियाजा भुगतना पड़ता है। किरणमयी नायक ने कहा कि दुनिया फिल्मी नहीं है। सबके अपने अलग अलग किस्से होते हैं। 

           महिला आयोग अध्यक्ष ने बताया कि लिव इन रिलेशन शिप भी बहुत बड़ा मुद्दा है। बाद में महिलाएं शोषण की शिकायत करती है। बालिग होने पर रिलेशन कानून रूप से सही हो सकता है। लेकिन परिणाम घातक होता है। यह जांच का विषय बन जाता है। फैसला आने में देर हो जाती है। इसलिए महिलाएं सोच समझकर ही कदम उठाएं। 

                 किरणमयी नायक ने बताया कि शासकीय कार्यालयों से करीब 20 प्रतिशत शिकायत होती है। इस बार एक अलग ट्रैंड देखने को मिल रहा है कि लोग पुलिस के खिलाफ भी झूठी शिकायत कर रहे हैं।  जबकि पहले ऐसा नहीं था।

              आयोग ने काम करना बहुत देरी से शुरू किया। सवाल के जवाब में नायक ने कहा कि कोविड काड के चलते सब कुछ देरी से शुरू हुआ। रायपुर में बहुत मामले सुलझाए गए। धीरे धीरे सारे मामलों को तेजी से सुलझाया जाएगा।

              उन्होने कहा कि आज की सुनवाी में सात प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है। एक मामला पत्र विभाग को भेजा गया। एक पत्र वक्फ बोर्ड को दिया गया है। दो मामलों की जिम्मेदारी कोनी प्रभारियों को दी गयी है। पक्षकारों को उपस्थिति करने के लिए कहा गया है।एक प्रकरण ऐसा भी है कि समझाने के बाद महिला ससुराल जाने को तैयार है।

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