महिला आयोग अध्यक्ष डॉ.नायक ने कहा..अपराध में आयी कमी…अब तक रिकार्ड संख्या में सुनवाई ..गबन मामले में इस सीएमओ को देना होगा जवाब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ.किरण मयी नायक ने बताया कि पद सम्भालने के बाद महिला आयोग की टीम लगातार सक्रिय है। एक साल के भीतर रिकार्ड तोड़ सुनवाई कर सैकड़ों हजारों प्रकरणों का निराकरण किया गया है। अब तक हजारों सुनवाई हो चुकी है। मामलों को निराकृत किया गया है। पीड़ितों को न्याय मिला है। सवाल जवाब के दौरान डॉ.नायक ने बताया कि बिलासपुर में दो दिवसीय सुनवाई के दौरान 30 प्रकरण सामने आए। 23 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है। दो बड़े मामलों को गंभीरता से लेते हुए नस्तीबद्ध किया गया है।
 
           महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जन सुनवाई के बाद पत्रकारों को गतिविधियों से परिचिता कराया। साथ ही पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। उन्होने बताया कि महिला आयोग पूरी गंभीरता और सक्रियता से काम कर रही है। लोगों का विश्वास को विश्वास बड़ा है। यही कारण है कि आयोग में रोज नए प्रकरण सामने आ रहे है। सभी मामलों में जनसुनवाई कर लोगों को न्याय दिया जा रहा है।
 
                     सवाल जवाब के दौरान डॉ.नायक ने बताया कि राष्ट्रीय रिकार्ड के अनुसार महिला अपराध में कमी आयी है। कमी भी नहीं हुई है के प्रतिप्रश्न पर कहा कि यह सच है। इसकी मुख्य वजह महिलाओं का आयोग के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोग अब तेजी से अपन साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आयोग में पहुंच रहे है। 
       
                               प्रदेश स्तर पर आयोग की सुनवाई और स्थिति के सवाल पर किरणमयी नायक ने कहा कि पिछले दो सालों में आयोग की सक्रियता ना केवल बढ़ी है। बल्कि आयोग के सतत प्रयास से महिलाओं में जागरूकता भी आयी है। इन सालों में सैकड़ों बैठक और हजारों की संख्या में प्रकरणों का निराकरण किया गया है। आयोग कई मामलों को सूमोटो भी लिया है।
 
      किरणमयी नायक ने बताया कि बिलासपुर में महिलाओं की सुनवाई के दौरान कुल 30 प्रकरण सामने आए। इसमें 23 को निराकृत किया गया। कई मामलों को नस्तीबद्ध किया गया है। आयोग के निर्देश पर एफआईआर दर्ज किया गया है। कई मामले में इस समय कोर्ट में चल रहे हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के अलावा सदस्य शशिकांता राठौर विशेष रूप से मौजूद थी।
 
                            बिलासपुर में सुनवाई के दौरान एक बहुत पुराने प्रकरण में सुनवाई हुई। गबन मामले में दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। जबकि पीड़िता ने पिता को बेगुनाह साबित करने के लिए आरटीआई भी लगाया था। लेकिन सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी गयी। पीड़िता 12 साल तक चक्कर लगायी। पीड़िता की शिकायत पर सीएमओ बोदरी नगर पंचायत को पक्षकार बनाया गया गया है। दस्तावेज लेकर आयोग कार्यालय, रायपुर में उपस्थित होने को कहा गया है। 
 
               एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने सुनवाई के दौरान बताया कि  अनावेदक के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। समझाया गया कि प्रकरण दर्ज होने के बाद आयोग का अधिकार क्षेत्र खत्म हो जाता है। इस दौरान थाना कसडोल का मामला भी सामने आया। शिकायत कर्ता ने बताया कि  2019 में बयान दर्ज होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। शिकायत को गंभीरता से लिया गया है इसलिए थाना कसडोल को आयोग पत्र लिखेगा। सुनवाई आयोग कार्यालय में होगी।    
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