महंगाई ने तोड़ी आम आदमी की कमर! अगस्त में बढ़ी थोक महंगाई

Shri Mi
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दिल्ली।WPI Inflation in August : थोक महंगाई दर ने बड़ा झटका दिया है. अगस्त के महीने में देश का थोक मूल्य सूचकांक (WPI) बढ़कर 11.39 फीसदी पर जा पहुंचा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और बिजली की कीमतों में तेज़ी के कारण थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही महंगाई की इस मार के लिए मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में आया उछाल भी जिम्मेदार हैं.

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क्या होती है थोक महंगाई दर  (What is WPI-Wholesale Price Index )

होलसेल प्राइस इंडेक्स या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है.ये कीमतें थोक में किए गए सौदों से जुड़ी होती हैं. इसकी तुलना में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आम ग्राहकों द्वारा दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होता है. CPI पर आधारित महंगाई की दर को रिटेल इंफ्लेशन या खुदरा महंगाई दर भी कहते हैं.

अगस्त में क्यों और कितनी बढ़ी थोक महंगाई

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ईंधन की कीमतों में तेज़ी के कारण थोक महंगाई में बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान फ्यूल एंड पावर की महंगाई 26.02 फीसदी से बढ़कर 26.09 फीसदी हो गई है.

वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई 11.20 फीसदी से बढ़कर 11.39 फीसदी हो गई है. हालांकि, होलसेल मार्केट में खाने के सामान से जुड़ी महंगाई 4.46 फीसदी से गिरकर 3.34 पर आ गई है.

इससे क्या होगा आम आदमी पर असर

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि थोक महंगाई बढ़ने से आम आदमी और कंपनियों पर दबाव बढ़ता है. ऐसे में RBI ब्याज दरें घटाने की जगह बढ़ा सकता है. ऐसे में कंपनियों का ब्याज खर्च बढ़ जाएगा. लिहाजा कंपनी के मुनाफे पर दबाव आएगा. साथ ही, कंपनियां अपनी विस्तार योजनाएं टाल सकती है.

पूरी दुनिया इस समय महंगाई से परेशान है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अच्छी बारिश के चलते खरीफ सीजन की फसल बेहतर हो सकती है. लिहाजा आने वाले दिनों में खाने पीने के सामान से जुड़ी महंगाई दर में गिरावट आ सकती है. हालांकि, प्याज की कीमतों को लेकर अभी भी चिताएं बरकरार है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अनुमान है कि महंगाई दूसरी तिमाही तक ही कम हो पाएगी, जब खरीफ फसल की कटाई का सीजन आएगा.

महंगाई की मार सिर्फ भारत और दूसरे विकासशील देशों पर नहीं पड़ रही है, विकसित देशों का भी बुरा हाल है. अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े मंगलवार को आने वाले हैं, जहां वह 13 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है. उसकी वजह जरूरी सामान की सप्लाई में आ रही रुकावट और कोविड के चलते देशभर में लगी पाबंदियों का एक समान तरीके से नहीं हटना है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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