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‘हां हो गई गलती’, ‘पार्डन डे’ पर ‘ सॉरी’ कहकर रूठों को मना लें

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। रूठना और मनाना ह्यूमन लाइफ का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। जीवन के इस खास पहलू को समर्पित इंटरनेशनल ‘पार्डन डे’ हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है।

‘पार्डन डे’ का इतिहास अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड एम. निक्सन से जुड़ा है। 8 सितंबर 1974 का ही वो दिन था जब तत्कालीन राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड ने एक विवादित माफी दी थी। उन्होंने अमेरिकी घोटाले के सबसे चर्चित मामले ‘वाटरगेट केस’ में शामिल पूर्व राष्ट्रपति निक्सन को माफ कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि रिचर्ड ने अपनी गलती को स्वीकार लिया था। कहा था कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों के खिलाफ गलत काम किए हैं। तभी से ये अनाधिकृत क्षमा दिवस मनाया जाता है। अमेरिका से होते हुए अब ये कई अन्य देशों में दिल से मनाया जाता है। वैसे जुलाई में भी एक ऐसा ही वैश्विक क्षमा दिवस मनाने की पंरपरा सी है। अगर दिल से सोचें तो हरेक दिन का एक पल क्षमा करने के प्रति समर्पित होना चाहिए, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसा हो तो जीवन आसान हो जाए।

किसी की गलती को माफ करना ऐसा कार्य है जो इसे देने वाले को भी खुशी देता है। इससे व्यक्ति अपने अंदर के नकारात्मक भावनाओं से फ्री हो जाता है। एक शोध से पता चला है कि जिन लोगों ने नाराजगी छोड़ने का फैसला किया है, वे ज्यादा पॉजिटिव पाए गए। साथ ही अपने हार्ट और माइंड में सुधार के चलते लंबे समय तक जीवित रहते हैं।

अगर कोई आपसे नाराज है तो एक सॉरी कहकर उसे मना लें। अपने दोस्तों, करीबियों या किसी अन्य व्यक्ति को माफ करने अपना दिल हल्का कर लें, क्योंकि गलती करना और इसे माफ करना यही एक मानव की पहचान है।

अगर हम अपनी भूल को स्वीकार कर लें या किसी की गलती को क्षमा कर दें तो लाइफ बहुत पॉजिटिव हो जाती है। अपनी गलती को स्वीकार करना खुद को छोटा करना नहीं है, बल्कि यह आपके मजबूत व्यक्तित्व की पहचान है। इसी तरह किसी को माफ करना भी बड़प्पन का उदाहरण है।

हमें अक्सर एक-दूसरे से बहुत शिकायतें रहती हैं। कभी-कभी तो मामला इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि हम बात करना भी बंद कर देते हैं। इससे हमारे रिश्ते खराब होते हैं और हमारा मन-मस्तिष्क नेगेटिविटी से भी भर जाता है। हम उस इंसीडेंट को सोचते रहते हैं और खुद को बहुत बंधा हुआ भी महसूस करते हैं।

किसी की गलती पर पर्दा डालना बिल्कुल गलत है, लेकिन इसे माफ करके आगे बढ़ना ही लाइफ है। इसी तरह अगर हमसे कोई गलती हो जाती है तो एक सॉरी कहकर आप अपने आपसी मनमुटाव को दूर कर सकते हैं। यह हमें शांति और खुशी पाने का मौका देता है।

—आईएएनएस

एसएम/केआर

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