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सुप्रीम कोर्ट का फैसलाः मुस्लिम महिलाओं के जीवन में लाया नया सवेरा-फरिहा

IMG20170823140149बिलासपुर—जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्धिकी ने तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होने बताया कि व्यक्तिगत रूप से हमारे परिवार में तीन तलाक को लेकर कभी कहने और सुनने को नहीं मिला। लेकिन हिन्दुस्तान में तीन तलाक का मामला पढ़े लिखे घरों में आसानी देखने और सुनने को मिल जाता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुस्लिम समाज की महिलाओं के जीवन में नया सवेरा बन कर आया है।

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                                          जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी फरिहा आलम ने तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सराहना की है। उन्होने सीजी वाल को बताया कि तीन तलाक मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है। समाज में भारतीय संविधान के नीचे सबको बराबर का अधिकार है। परम्परावादियों के चलते ऐसा संभव नहीं था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला निश्चित रूप से मुस्लिम समाज की महिलाओं के जीवन में नया सूरज बनकर आया है। देश के मुस्लिम समाज को इसका स्वागत करना चाहिए।

                                         फरिहा ने कहा कि मैं मुस्लिम कौम से हूं। लेकिन घर और ससुराल में किसी भी सदस्य को ऐसी स्थिति का कभी सामना नहीं करना पड़ा। बावजूद इसके तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के दर्द को एक औरत होने के कारण समझ सकती हूं। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ना केवल तीन तलाक बल्कि समाज के किसी भी वर्ग के परित्यक्ताओं को भरण पोषण और संरक्षण को लेकर सरकार को कानून बनाने को कहा है। जो निश्चित रूप से स्वागत योग्य है।

                                         जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि ना केवल मुस्लिम समाज की महिलाएं बल्कि पुरूषों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मील का पत्थर माना है। हमें भी इसका स्वागत करना चाहिए।

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