बिलासपुर—राजेन्द्र तिवारी आत्मदाह मामले में अतिरिक्त दंडाधिकारी अग्रवाल के कोर्ट में दो लोगों ने शपथ पत्र के साथ बिल्हा तात्कालीन एसडीएम अर्जुन सिसोदिया के खिलाफ बयान दर्ज कराया। जियाउद्दीन और दीपक राजपूत ने बताया कि अर्जुन सिसोदिया ने फर्जी मामले में दो साल पहले 107/116 प्रकरण दर्ज किया था। मामले को रफा दफा करने दोनों ने अलग-अलग करीब चालिस हजार रुपए अर्जुन सिसोदिया के लिए त्रिलोकीनाथ देवांगन को दिया।
अतिरिक्त दण्डाधिकारी अग्रवाल के कोर्ट को दिए बयान में जियाउद्दीन और दीपक राजपूत ने बताया कि तात्कालीन बिल्हा एसडीएम ने फर्जी प्रकरण तैयार कर 107/116 का आरोपी बनाया था । जबकि उन लोगों के साथ किसी प्रकार का विवाद हुआ ही नहीं था। बावजूद इसके कोर्ट कचहरी से बचने बिल्हा एसडीएम कार्यालय के बाबू त्रिलोकी नाथ देंवागन ने चालिस हजार रूपए दिए।
जियाउद्दीन ने बताया कि त्रिलोकी नाथ देवांगन ने दस हजार रूपए नहीं दिए जाने पर जेल भेजने की धमकी दी थी। जेल से बचने 9 अप्रैल 2015 को दस हजार रूपए नगद दिया। जबकि वह सरगांव जिला मुंगेली का रहने वाला है। उसके खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई पथरिया अनुविभागीय कार्यालय में होनी चाहिए थी।
राजेन्द्र आत्मदाह मामले में एक अन्य गवाह दीपक राजपूत ने अग्रवाल को बताया कि सरगांव तहसील पथरिया जिला मुंगेली का रहने वाला है। अर्जुन सिसोदिया ने उसके खिलाफ 107/116 का प्रकरण दर्ज कर बीस हजार रूपए लिया। 18 मार्च 2015 को बीस हजार रूपए एसडीएम कार्यालय के बाबू त्रिलोकी नाथ देवांगन को दिया। प्रकरण के अनुसार उसके खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज था। जबकि उस नाम का कोई भी व्यक्ति सरगांव में नहीं रहता है।
बयान दर्ज करने के दौरान तात्कालीन बिल्हा एसडीएम कार्यालय का बाबू त्रिलोकी नाथ देवांगन भी मौजूद था।