Ayushman Bharat। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ऑडिट रिपोर्ट की सिफारिशों की विस्तार से जांच कर रहा है।
एबी-पीएमजेएवाई पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट हाल ही में संसद में पेश की गई, जिसमें योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं को उजागर किया गया है।
मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा था, “राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) सीएजी प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सिफारिशों की विस्तार से जांच कर रहे हैं और मौजूदा प्रणाली को मजबूत करके प्रणाली को अधिक मजबूत, कुशल और विवेकपूर्ण बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।“
मंत्रालय ने आगे कहा, “सीएजी का निष्कर्ष है कि एक मोबाइल नंबर कई लाभार्थियों से जुड़ा हुआ है, इसका कोई परिचालन और वित्तीय प्रभाव नहीं है, क्योंकि एबी-पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थी की पहचान प्रक्रिया मोबाइल नंबर से जुड़ी नहीं है। मोबाइल नंबर केवल इसलिए लिया गया है कि किसी भी आवश्यकता के मामले में लाभार्थियों तक पहुंच बने और प्रदान किए गए उपचार के संबंध में प्रतिक्रिया एकत्र किया जाए।”Ayushman Bharat
आगे कहा गया, “एबी-पीएमजेएवाई आधार पहचान के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान करता है, जिसमें लाभार्थी अनिवार्य आधार आधारित ई-केवाईसी की प्रक्रिया से गुजरता है। आधार डेटाबेस से प्राप्त विवरण स्रोत डेटाबेस से मेल खाते हैं और तदनुसार, आयुष्मान कार्ड के लिए अनुरोध को मंजूरी या अस्वीकार कर दिया जाता है। इस प्रकार, लाभार्थी के विवरण की सत्यापन प्रक्रिया में मोबाइल नंबरों की कोई भूमिका नहीं है।”
मंत्रालय ने कहा : “केवल वैध मोबाइल नंबरों को कैप्चर करने के लिए एनएचए द्वारा उपयोग किए जाने वाले आईटी पोर्टल में जरूरी बदलाव किए गए हैं।”Ayushman Bharat