Devshayani Ekadashi : हिंदू पंचांग के हिसाब से आषाढ़ माह की शुरुआत पहले ही हो गई है. अब आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी है. इसे हरिशयनी और आषाढ़ी एकादशी भी कहते हैं. ये साल में पड़ने वाली 25 एकादशी में देवशयनी एकादशी सबसे खास मानी जाती है. बता दें, इस बार दिनांक 29 जून को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी.
धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस दिन चार माह तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में रहते हैं. इन चार माह को चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. इन 4 माह में कोई भी मांगलिक और शुब काम नहीं किया जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त और किस विधि से भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे. Devshayani Ekadashi
जानें कब से शुरू होगा एकादशी तिथि का व्रत
दिनांक 29 जून सुबह 3 बजकर 17 मिनट से लेकर दिनांक 30 जून को सुबह 2 बजकर 42 मिनट तक है. अब ऐसे में रखने वाले श्रद्धालु दिनांक 29 जून को ही हरिशयनी एकादशी का व्रत रखेंगे और फिर अगले दिन इसका प्रारण होगा.
ऐसे करें एकादशी व्रत की शुरूआत
दिनांक 29 जून को सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें. इस दिन भगवान विष्णु को पीला वस्त्र, पीली मिठाई और हल्दी जरूर चढ़ाएं. इससे भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होगी. Devshayani Ekadashi
देवशयनी एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा। धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।। कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च। श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।