शिक्षा विभाग व बीपीएससी आमने-सामने

Shri Mi
3 Min Read

पटना। बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन में चली तकरार को लेकर राजभवन की नाराजगी कम भी नहीं हुई थी कि शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अब आमने -सामने आ गया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बीपीएससी के सचिव को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों को शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन कार्य से अलग करने का आग्रह किया था।

इस पत्र के जरिए कहा गया था यह प्रतिनियुक्ति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है  न ही यह शिक्षा हित में है। इस पत्र को लेकर बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद नाराज दिख रहे हैं।

बीपीएससी के सचिव रवि भूषण ने अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र के जवाब में पत्र लिख कर कहा है कि आयोग शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के नियंत्रण में काम नही करती है। अगर यह स्पष्ट नहीं है तो संविधान के प्रावधानों का अध्ययन कर लें। पत्र में यह भी कहा गया है कि आयोग के सत्यापन कार्य में राज्य सरकार हमेशा सहयोग करती है। इस संबंध में अगर कोई आपत्ति है तो इसको लेकर राज्य सरकार से बात किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि राज्य में बीपीएससी द्वारा 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत ली गई परीक्षा के तहत चार सितंबर से 12 सितंबर तक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र सत्यापन का कार्य चल रहा है। इसके लिए आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सत्यापन कार्य की उचित व्यवस्था करने को कहा था। इसी कार्य में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की सेवा ली जा रही है।

इससे पहले, बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने एक्स के जरिये भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। प्रसाद ने एक्स में लिखा है कि सरकार अपने अधिकारियों की नियुक्ति करती है और बाद में बदलाव करती है। इससे हमें कोई सरोकार नहीं है। लेकिन, इस बहाने जिन तत्वों ने हमारे टीचर रिक्रूटमेंट एक्जामिनेशन – दस्तावेज सत्यापन को रद्द कराने की कोशिश की है, उन्हें अपना प्रयास लगातार जारी रखना चाहिए।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close