सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं

Shri Mi

मैसूर /BJP के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।

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मैसूरु में मीडिया से बात करते हुए विजयेंद्र ने कहा, ”मैं गारंटी के खिलाफ नहीं हूं। चुनाव के दौरान किये गये वादों को पूरा करना उनका कर्तव्य है. लेकिन, विकास को झटका लगा है। राज्य में विकास की कोई गतिविधि नहीं है। ऐसी विकट स्थिति है कि सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। उनके द्वारा पैदा की गई स्थिति यह है कि राज्य सरकार मंदिरों को लूट रही है।

“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में ऐसी स्थिति है। कोई भी विधायक सत्र में बैठने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दावा कर रहे हैं कि वह असहाय हैं और उनसे पूछ रहे हैं कि वह पैसे कहां से लाएंगे। मौजूदा स्थिति के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

उन्होंने रेखांकित किया,“हमारा राज्य देश के सबसे अमीर राज्यों में से एक है और सबसे अधिक कर चुकाता है। इसके बावजूद इतनी बदतर हालत दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने कहा, ” लोग कांग्रेस को सत्ता में चुनने के लिए कोस रहे हैं।”

भाजपा नेता ने कहा, सीएम सिद्धारमैया ने बजट में दावा किया है कि नौ महीने के शासन के दौरान कर्नाटक में 1.25 करोड़ परिवार गरीबी से बाहर आ गए हैं। मुझे नहीं पता कि राज्य की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया किस भ्रम में हैं। लोकसभा चुनाव के डर से और केवल समय बर्बाद करने के लिए केंद्र के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का आयोजन किया। सीएम और कांग्रेस सरकार को गरीबों और दलितों की कोई चिंता नहीं है।”

“सभी 28 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति में सुधार हुआ है। यदि आप किसी भी संसदीय सीट पर जाएं, तो वहां भाजपा और जद (एस) उम्मीदवारों के लिए अनुकूल माहौल है।”

कर्नाटक भाजपा प्रमुख ने कहा, “बजट में सूखे का कोई जिक्र नहीं है। बेंगलुरु में संकट की स्थिति है और पूरा राज्य पेयजल संकट से जूझ रहा है। सरकार आंखों पर पट्टी बांधे हुए है।”

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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