Rajasthan में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भर से ब्राह्मण 3 सितंबर को जयपुर में जातिवादी सम्मेलनों की एक श्रृंखला में जुटेंगे। इस ब्राह्मण महासंगम को सफल बनाने के लिए राज्य भर में पांच हजार किलो पीले चावल बाँटकर लोगों को बुलाया जाएगा।
इसकी शुरुआत शनिवार (15 जुलाई) को जयपुर से की गई। तीन सितंबर को होने वाले महासंगम को लेकर समाज का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
महासंगम के जरिए ब्राह्मण समाज 14 प्रतिशत आरक्षण देने, भगवान परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना, भगवान परशुरामजी की 111 फीट प्रतिमा की स्थापना, प्रत्येक जिले में गुरूकुल की स्थापना, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में हो रही विसंगतियों को दूर करने, ब्राह्मण आरक्षण आंदोलन के समय लगाए गए मुकदमों को वापिस लेने, ब्राह्मण बालिकाओं के लिए छात्रावास की स्थापना, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजनीतिक आरक्षण की मांग उठाएगा।
ब्राह्मण महासंगम के आयोजन को लेकर शनिवार को बनीपार्क स्थित खण्डाका हाउस में सर्व ब्राह्मण महासभा एवं अन्य ब्राह्मण संगठनों की प्रदेश स्तरीय संयुक्त बैठक हुई।
इस बैठक में सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने बताया कि 3 सितंबर को आने वाले महासंगम के प्रति समाज का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसलिए इस बार पहली बार प्रदेश की 200 की 200 विधानसभाओं से समाज बंधुओं को जयपुर बुलाया जाएगा और समाज हित में जो भी निर्णय इस महासंगम में लिए जाएगें उन्हें समाज के हर तबके तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि महासभा ने एक लंबी लड़ाई ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए लड़ी थी। उस समय भी महासभा ने लाखों- लाख ब्राह्मणों को आरक्षण रैलियां आयोजित की थी और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने उस समय महासभा के मंच पर आकर समर्थन दिया था।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में समाज का प्रतिनिधित्व बढे और समाज एकजूट होकर अपने मताधिकार का उपयोग करें। सभी वक्ताओं ने कहा कि इस महासंगम में ब्राह्मण अस्मिता को मजबूत करने, समाज को एकजुट करने साथ ही राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से समाज की ताकत को बढाना, एकमात्र उद्देश्य होगा। जिन्हे प्रत्येक गांव, तहसील तक पहुंचाया जाये। इस पर भी चर्चा होगी।
साथ ही पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढे, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजनीतिक आरक्षण भी हो, ये सब विषय भी इस महासंगम में रखे जाएगें।
आपको को बता दे कि यह इस साल का ब्राह्मण समाज का दूसरा बड़ा सम्मेलन है। इससे पहले भी एक सम्मेलन हो चुका है जिसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को बुलाया गया था।
माना जा रहा है कि बिन सम्मेलनों के जरिए ब्राह्मण समाज अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि इस मामले में ब्राह्मण ही नहीं बल्कि अन्य जाति समुदाय भी सक्रिय है और अकेले जयपुर में अब तक जाट, राजपूत, माली समुदायों सहित विभिन्न जातियों के सम्मेलन हो चुके हैं।