नवाचारियों से पढ़ई तुहर दुवार शिक्षण पद्धति को बेहतर बनाने लिए गए सुझाव,राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन

Shri Mi
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जशपुरनगर-पढ़ई तुहर दुवार के द्वितीय चरण की शुरुआत के अवसर पर  राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में विगत वर्ष पढ़ई तुहर दुवार कार्यक्रम में नवाचार करने वाले प्रदेश के नवाचारियों से ऑनलाईन शिक्षण पद्धति को बेहतर बनाने के लिए सुझाव लिए गए। इस अवसर पर मंत्री छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग डॉ.श्री  प्रेमसाय टेकाम, प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग आलोक शुक्ला, सचिव कमलप्रीत सिंह, समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश एनआईसी के अधिकारी  सहित प्रदेश के शिक्षक कार्यक्रम से जुड़े थे।कार्यक्रम में सभी नवाचारियो द्वारा पढ़ई तुहर दुवार कार्यक्रम को बेहतर बनाने, बच्चों में सीखने-सीखाने की क्रिया को निरंतर बनाये रखने के लिये अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किया गया। सभी नवाचारियो द्वारा अपने जिले में किये गए नवाचार के सुझाव को प्रदेश के अन्य जिलों के शिक्षको को अपनाने एवं ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने  की अपील की गई

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उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष कोविड-19 लाॅकडाउन के दौरान बच्चों का सीखना जारी रखने हेतु छ्त्तीसगढ़ शासन ने पढई तुंहर दुआर नामक योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बच्चों को सीखने हेतु ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों प्रकार की व्यवस्था बनाई गई थी।
मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग डॉ.  प्रेमसाय टेकाम ने सभी नवाचारियो  से स्थानीय स्तर की समस्याओं को समझते हुए उनके द्वारा बच्चों को नए ढंग से सीखने के लिए किए गए प्रयासों को सराहा, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की इस परिस्थिति में सभी को अपने कार्य शैली में बदलाव लाना होगा। शिक्षा में नई तकनिकियो को अपनाना होगा साथ ही सभी शिक्षकों को बच्चों को सिखाने के लिए रोचक तरीके का उपयोग करना होगा जिससे योजना का बेहतर प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके। इस हेतु सबको मिलकर प्रयास करना होगा।

जनप्रतिनिधियों, पालकों , शिक्षक जिसका बच्चों एवं उनके परिजनों से अच्छा सम्बन्ध में उन्हें साथ लेकर चले। पालकों को जागरूक करना होगा जिससे वे बच्चों को शिक्षा के प्रति सजग कर सके। इस दौरान उन्होंने घोषणा की प्रत्येक जिले के पढ़ई तुहर दुवार कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले, बच्चों की शिक्षा में अच्छा योगदान देने वाले 36-36 शिक्षकों को इस वर्ष सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आप सब के सक्रियता से ही प्रदेश में मोहल्ला क्लास में जाके पढ़बो,  नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो, के नारे को मूर्त रूप प्रदान किया जा सकेगा।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने वेबिनार में कहा कि पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी अच्छा कार्य करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ले। उन्होंने कहा कि गत वर्ष सभी ने योजना को साकार देने में अच्छा कार्य किया  जिसकी सराहना केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इस वर्ष भी सभी को मिलजुल कर पढ़ई तुहर दुवार के सफलता के लिए प्रयास करना होगा। साथ ही कार्यक्रम की कमियों को दूर करना होगा। सभी शिक्षक स्थानीय सुविधा के अनुसार बच्चों की शिक्षा प्रदान करे। नियमित रूप से उनका मॉनिटरिंग करे। बच्चों को सिखाने के लिए नए नए नवाचार अपनाए।  बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावकों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ना होगा इसलिए सभी शिक्षक पंचायत के सदस्यों के साथ मिलकर सामूहिक रूप से बच्चों के परिजनों को समझाईश दे।

सचिव सुब्रत साहू ने इस वर्ष की योजना के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि शैक्षणिक पद्धति को ऑनलाइन मोड में ढालना होगा। इस वर्ष की पढ़ाई बेसलाइन से शुरू की जाएगी, इस वर्ष 10वी 12वी की कक्षाओं को भी मुहल्ला क्लास में जोड़ा जाएगा। एससीआरटी द्वारा ब्रिज कोर्स तैयार किया गया है। जिसे 1 माह के अंदर अभियान चलाकर पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने पढ़ई तुहर दुवार कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए  जगह का चिन्हांकन, बच्चों को सुरक्षित बैठाने, शिक्षा सारथी का चयन पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही बच्चों का समय समय पर टेस्ट लेकर सेल्फ असेस्मेंट लेने की बात कही।

जशपुर विकासखण्ड के ग्राम पैंकू के मोटर सायकिल गुरुजी श्री वीरेंद्र भगत ने वेबिनार में अपने द्वारा जिले में किये गए नवाचार की जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा विगत वर्ष बच्चों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए वे अपने मोटर साइकिल में व्हाइट बोर्ड साथ लेकर बच्चों के मुहल्ले में जाकर उन्हें पढ़ाते थे। जिससे बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न हो। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी पढ़ई तुहर दुआर कार्यक्रम के तहत वे मुहल्ला क्लास की उचित संचालन के विशेष कार्ययोजना तैयार कर रहे है। वे शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर गांव- गांव जाकर  बच्चों एवं उनके पालकों को जागरूक करेंगे जिससे वे अपने बच्चों को नियमित रूप से मुहल्ला क्लास से जोड़े और स्वयं भी बच्चों की शिक्षा के प्रति सजग बने।

इसी प्रकार फरसाबहार विकासखण्ड के ताकमुण्डा पंचायत के उपसरपंच श्री गोविंद सिंह ने भी अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी उन्होंने बताया कि उनका क्षेत्र दूरस्थ वनांचल में बसा छोटा सा ग्राम है जहाँ के अधिकतर लोग अशिक्षित है, साथ ही मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले है, ऐसी परिस्थिति में उनके पालकों को बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ने के लिए जागरूक कर पाना बहुत चुनौती पूर्ण है। बच्चों के पालकों के जागरूकता के लिए वे शिक्षक, स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को टीम बनाकर लोगो को जागरूक करने का कार्य करते है। इस बार भी वे नई तकनीकों के माध्यम से शिक्षा को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटे हुए है, उन्होंने बताया कि वे यहाँ के बच्चों में शिक्षा के दीप को हमेशा प्रज्वलित रखेंगे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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