रायपुर व बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनियों को अपने नये प्रोजेक्ट की जानकारी हाईकोर्ट को देनी होगी

Shri Mi
3 Min Read

बिलासपुर।बिलासपुर और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनियों के द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में कराये जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की सहमति और अनुमति नगर निगम की सामान्य सभा और मेयर इन काॅन्सिल आदि से नहीं लिये जाने और इन कम्पनियों का क्रिया कलाप संविधान के 74वें संशोधन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के विरोध में होने को लेकर दायर जनहित याचिका की आज सुनवाई मनीन्द्र श्रीवास्तव और और विमला सिंह कपुर जस्टिस की खण्ड पीठ में हुई। आज पारित आदेश में इन कंम्पनियों को अपने भावी प्रोजेक्ट की जानकारी हाईकोर्ट में देने के निर्देश दिये गये है। वही केन्द्र सरकार को चार सप्ताह का समय जवाब दाखिल करने के अंतिम अवसर के रूप में दिया गया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

आज की सुनवाई याचिका पर अंतरिम राहत आदेश के लिये नियत हुई थी, राज्य सरकार और दोनों कम्पनियों के जवाब याचिका में प्रस्तुत कर लिये गये है। अपनी बहस में याचिका कर्ता विनय दुबे अधिवक्ता की ओर से सुदीप श्रीवास्तव ने खण्डपीठ को बताया कि वर्तमान स्वरूप में ये दोनों कम्पनियां निर्वाचित नगर निगम, मेयर, सामान्य सभा आदि सभी के अधिकारों को हस्तगत कर पूरी स्वतंत्रता से कार्य कर रही है और उनकी प्रोजेक्ट से संबंधित कोई भी फाईल निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के समक्ष नहीं प्रस्तुत होती।

यह पूरा सिस्टम संविधान की मूल धारणा जिसमें की त्रिस्तरीय प्रजातांत्रिक व्यवस्था शामिल है का खुला उल्लंघन है। नगर निगम और शहरी विकास संविधान में राज्य के विषय है इसलिए उनके द्वारा जारी कोई भी गाईड लाईन राज्य पर बंधनकारी नहीं है।प्रति उत्तर में दोनों कम्पनियों की ओर से उपस्थित उपमहाधिवक्ता मतीन सिद्धिकी ने याचिका को न चलने योग्य बताया और कहा कि कुछ भी अवैधानिक नहीं किया जा रहा।

राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता विक्रम शर्मा ने प्रकरण में अंतरिम राहत पर महाधिवक्ता के द्वारा बहस किये जाने हेतु समय की मांग की। सुनवाई के बाद खण्ड पीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में एक साथ अंतिम सुनवाई करना अधिक उपयुक्त है। अतः केन्द सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम बार चार सप्ताह का समय देते हुये छः सप्ताह बाद प्रकरण की अंतिम सुनवाई किये जानेे के निर्देश दिये। साथ ही दोनों कम्पनियों को अपने सभी भावी प्रोजेक्ट जो कि प्रकरण के लंबित रहते लिये जाने है, की जानकारी हाई कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close