videoःआईएएस को महिला जनप्रतिनिधि ने चप्पल से मारने दौड़ाया..पढ़ें..मुंगेली कलेक्टर ने क्या कहा..IAS खेमें आक्रोश..बताया..माहौल में काम करना मुश्किल..सीएम से करेंगे शिकायत

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

बिलासपुर—मुंगेली जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी आईएएस रोहित व्यास पर जिला पंचायत महिला सदस्य ने चप्पल लेकर मारने के लिए दौड़ाया। महिला ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने उसे जातिगत गाली दिया है। खबर के बाद प्रदेश में जमकर हड़कम्प है। खासकर आईएएस समूह में हलचल मच गयी है। पूरे घटनाक्रम और आईएएस अधिकारी के खिलाफमहिला के व्यवहार को लेकर जमकर आक्रोश भी है। कुछ आईएएस अधिकारियों ने यहा तक कह दिया कि ऐसे वातावरण में काम करना बहुत ही मुश्किल है। किसी का काम नही बने तो एट्रोसिटी को लोग औजार के रूप में प्रयोग करने लगते हैं।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                          एक बार फिर एक बड़े अधिकारी के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला सामने आया है। घटना मुंगेली जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ है। बताया जा रहा है कि गुरूवार को जब जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास अपने कक्ष में बैठे थे। उसी समय जिला पंचायत सदस्य किसी काम को लेकर लैला ननकू भिखारी पहुंची।  रोहित व्यास ने काम् करने से इँकार कर दिया। इसके बाद दोनो में बहस हो गयी। आवाज कार्यालय के बाहर तक पहुंची।

                         आईएएस अधिकारी रोहित व्यास तत्काल अपने कक्ष से बाहर आ गए। पीछे पीछे लैला ननकू भिखारी भी गाली देते हुए बाहर आयी। और आईएएस से उलझ गयी। और चप्पल लेकर मारने के लिए दौड़ी। आईएएस ने किसी तरह अपने आप को बचाया। महिला ने बताया कि आईएएस व्यास ने जातिसूचक गाली दिया। इसके बाद वह सीधे पुलिस कप्तान के कार्यालय पहुंची। और बताया कि रोहित व्यास ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है।

                                           इसके बाद रोहित व्यास भी शिकायत के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे। घटना के बारे में बताया। 

         बहरहाल जूतम पैजार की घटना से आईएएस लाबी सकते में है। बताया जा रहा है आईएएस लाबी की एक टीम मुख्य सचिव से मिलने के लिए समय मांगा है। ताकि वस्तु स्थिति से अवगत कराया जा सके।

 काम करना मुश्किल 

           बिलासपुर संभाग के एक आईएएस अधिकारी ने बताया कि ऐसे माहौल मे काम करना मुश्किल है। हमारा प्रयास होगा कि हम मामले को चीफ सेक्रेटरी के अलावा मुख्यमंत्री के सामने रखे। जनप्रतिनिधि दबाव में अनाप शनाप काम करवाना चाहते हैं। यद्यपि उनकी बातों को प्रोटोकाल के अनुसार गंभीरता से भी लिया जाता है। बावजूद इसके इस प्रकार की हरकत नाकाबिले बर्दास्त है। हम उचित कदम उठाए जाने की भी मांग करेंगे। 

एट्रोसिटी का दुरूपयोग…?

             मुंगेली जिला कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब एक साल पहले भी इसी प्रकार की हरकत हुई थी। अधिकारी को पहले गाली दिया गया। इसके बाद एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किए जाने का भय दिखाया गया। जनप्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर भी है। ऊंचे स्तर पर शिकायत के बाद भी अभी तक जनप्रतिनिधि को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। जबकि मामला थाने में दर्ज है।

           इसी प्रकार की एक घटना सिम्स में भी देखने को मिली। एक कर्मचारी ने जनप्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज बाद में करवाया है।

          अधिकारी ने यह भी बताया कि यदि ऐसा ही होना है तो एक वर्ग विशेष की भर्ती ही नहीं किया जाए। 

पढ़े कलेक्टर बसंत ने क्या कहा

         मुंगेली कलेक्टर आईएएस अजीत बंसत ने सीजी वाल को बताया कि दोनो पक्षों की शिकायत पुलिस तक पहुंच गयी है। दोनो की शिकायतों को दर्ज किया गया है। पुलिस छानबीन मे स्पष्ट हो जाएगा।

            क्या इस माहौल में काम करना संभव है…सवाल के जवाब में अजीत बंसत ने कहा कि मुझे इस मामले में कुछ भी नहीं बोलना है।

क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट गाइड लाइन

                     सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार इस प्रकार के मामलों में पहले लगाए गए आरोपों की जांच होगी। इसके बाद ही किसी प्रकार की कार्रवाई की जाए। इसके अलावा अलग अलग समूह विशेष के लोगों से गवाही भी होगी।

 

close