रायपुर— बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक, आर.के राय और अमित जोगी विधानसभा में शराबबंदी और आबकारी नीति के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। यह जानकारी प्रेसवार्ता में अमित जोगी समेत दो अन्य विधायकों ने पत्रकारों को दी। अमित जोगी ने बताया कि तीनों विधायक मिलकर दोनों दलों के विधायकों से प्रस्ताव के समर्थन में संपर्क करेंगे।
अमित जोगी समेत विधायक सियाराम और आरके राय ने सरकार के शराब बेचने के निर्णय का विरोध किया है। प्रेसवार्ता का आयोजन कर अमित जोगी ने बताया कि बजट सत्र में सरकार के निर्णय के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। तीनों विधायकों ने प्रेसवार्ता कर बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहुमत जुटाने स्वतंत्र विधायकों समेत दोनों दलों के विधायकों से संपर्क किया जाएगा। पत्र,फोन और व्यक्तिगत मिलकर अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन मांगा जाएगा।
अमित जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे. शराबबंदी लागू करने सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ेगी। पार्टी के एप्प में फीचर जोड़ा जाएगाय़ टोल फ्री नंबर लांच किया जाएगा। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में गुलाबी टोली का गठन किया जाएगा। गुलाबी टीम जनजागरण के साथ ही शराबबंदी लागू करने अभियान छेड़ेगी।
अमित जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ बीमार है। 20 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं।महिलाओं के साथ अपराध की संख्या में इजाफा हुआ है। कई परिवार शराब से बर्बाद हो गए हैं ।
विधायकों ने कहा कि सरकारी दुकान से कोचियाबंदी की बात भ्रामक है। सरकार के शराब बेचने से फर्क केवल इतना होगा कि पहले अनपढ़ कोचिये शराब बेच रहे थे अब पढ़े लिखे कोचिये यानि अधिकारी शराब बेचेंगे।
जोगी ने कहा कि दामाखेड़ा में कबीर पंथाचार्य प्रकाशमुनि साहेब ने मुख्यमंत्री के सामने झोली फैलाकर जनहित में शराबबंदी की मांग की थी। लेकिन अब सरकार ने ही शराब बेचने का एलान किया है। जोगी ने पत्रकारों से बताया कि केरल और तमिलनाडु के तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में शराब बेचने का मॉडल प्रदेश के हित में नहीं है। केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों की जीवन शैली, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था छत्तीसगढ़ से अलग है। छत्तीसगढ़ में 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं।
जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी होने से चार हज़ार करोड़ का नुक्सान नहीं बल्कि उसका कई गुना फायदा होगा। शराब के कारण घरेलु हिंसा, बलात्कार जैसे अपराधों पर अंकुश लगेगा। गरीब परिवारों की छोटी बचत बड़ी हो जाएगी। शराबबंदी सरकार और छत्तीसगढ़ के लिए फायदे का निर्णय होगा।