भाजपा बताए..किसने उछाली भारत की इज्जत..शैलेष ने पूछा..माताओं बहनों को किसने नोटबंदी की लाइन में लगाया..किसने छीना मंगलसूत्र

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—पूर्व नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने प्रधानमंत्री और प्रदेश सरकार समेत भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है। पाण्डेय ने कहा नोटबंदी ने भारतीय परम्परा और विरासत पर गहरा चोट किया है। केन्द्र की भाजपा सरकार ने नोटबन्दी के दौरान माताओं,बहनो की जमा पूँजी पर डाका डाला है। माताओं और बहनों के नाम पर दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा कि विपरीत समय के लिए पेट काटकर जिन रूपयों को माताओं बहनों ने परिवार के लिए सहेज कर रखा । क्या वह कालाधन था। बुजुर्ग माता बहनों को नोटबंदी की लाइन में लगाने का महापाप के लिए कौन जिम्मेदार है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

बिलासपुर नगर पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। शैलेष पाण्डेय ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता आज भी नोटबन्दी को नहीं भूली है। भारत की माताएं बहने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर अपना पेट काटती है। परिवार के हितों को ध्यान में रखकर कुछ रूपया बचाती हैं। यही रूपया विपरीत समय में परिवार का सहारा बनता है। लेकिन प्रधानमंत्री ने नोटबन्दी की घोषणा कर माताओं और बहनों के जमापूंजी पर डाका डाला है। सवाल उठता है कि परिवाह के लिए बचाकर रखी गयी जमा पूंजी…क्या आतंकवाद के लिए था। जिसे प्रधानमंत्री ने जमा करवाया।

शैलेष ने कहा कि तात्कालीन समय बुजुर्ग माताओं बहनों को प्रधानमंत्री ने नोटबन्दी के नाम पर लाइन में खड़ा कर दिया। इस दौरान करीब 150 से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। भाजपा के नेताओं ने माताओं बहनों को लाइन में खड़ा कर देश की अस्मिता को चोट पहुंचाया है। नोटबन्दी के दौरान की बेटियों की शादी रूकी..बावजूद इसके भाजपा नेताओं का दिल नहीं पसीजा। जापान में प्रधानमंत्री ने नोटबन्दी को लेकर अपने भाषण में माताओं और बहनों का जमकर मजाक उडाया। दुख की बात है कि उस दौरान उन्होने माताओं बहनों के दर्द को नही समझा गया।

शैलेष ने बताया कि आज भाजपा नेताओं को माताओं और बहनों के मंगलसूत्र की चिन्ता सताने लगी है। यह जानते हुए भी माताओं और बहनों ने भाजपा को सबक सिखाने का जब फैसला कर लिया है। जबकि भाजपा नेताओं ने ही नोटबन्दी कर बहनों को समय पर मंगलसूत्र को छीना है। और आज उन्हें मंगलसूत्र की चिन्ता सता रही है। जबकि कांग्रेस ने मांग के सिन्दूर और मंगलसूत्र का ना केवल सम्मान किया है। बल्कि माताओं और बहनों की पीड़ा को समझा है।

close