हमारी ल़ड़ाई सत्ता से..एबीव्हीपी से नहीं..

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बिलासपुर— आज नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। एनएसयूआई और एबीव्हीपी संगठन अपने उम्मीदवारों का नाम जानबूझ कर बाहर लाना नहीं चाहता है। दो ही संगठनों का मानना है कि विरोधी प्रत्याशियों को धमकी देकर चुनाव से बाहर रहने का दबाव डाल रहे हैं।

                   सीजी वाल से बातचीत के दौरान एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष तनमीत छाबड़ा ने बताया कि एबीव्हीपी को सत्ता पक्ष का समर्थन हासिल है। हमारी लडाई सत्ता से है एनएसयूआई में इतना दम नहीं कि हमारे प्रत्याशियों को झुका सके। छावड़ा ने बताया कि संत्री से लेकर मंत्री तक एबीव्हीपी का साथ दे रहे हैं। बावजूद इसके विश्वविद्यालय में हम अप्रतिम सफलता हासिल करेंगे। कुछ ऐसे कालेज जरूर हैं जहां हमारी स्थिति ठीक नहीं है लेकिन एबीव्हीपी को हम वाक ओवर नहीं देंगे।

                        तनमीत छावड़ा ने बताया कि हमने अपने सर्वे के अनुसार 50 कालेज ऐसे पाए हैं जहां एबीव्हीपी को हमसे करारी हार मिलेगी। उन्होंने बताया कि हमारे प्रत्याशियों को डराया धमकाया जा रहा है इसलिए प्रत्याशियों का नाम गोपनीय रखने का प्रयास किया है।

               छावड़ा ने बताया कि कालेज का जब चेयरमैन और प्राचार्य एबीव्हीपी का समर्थन करे तो इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हमारे साथ कितनी साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि हम पिछला चुनाव एबीव्हीपी से नहीं सत्ता से हारे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

                               हमने साल भर छात्रों के लिए काम किया। इस बार कालेजों का महौल बदला है। छात्र एबीव्हीपी से परेशान हो चुकी है। उनका मानना है कि हम यहां पढ़ने आते हैं। लेकिन एबीव्हीपी ने कालेज को महौल गंदा बना दिया है। इसका फायदा इस बार एनएसयूआई को जरूर मिलेगा।

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