नई दिल्ली -उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दोषी करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने सह आरोपी शशि सिंह (Shashi Singh) को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा, उसकी भूमिका को लेकर संदेह है और उस पर आरोप साबित नहीं हो रहा. तीस हजारी कोर्ट के सेशन जज ने फैसला सुनाते हुए कहा- सीबीआई (CBI) ने जांच में नियम को पालन नहीं किया. लड़की के घर जाकर पूछताछ करने के बजाय उसे बुलाया गया. इससे लड़की को परेशानी हुई. इसके साथ ही कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) को कोर्ट ने दोषी करार दिया. इस मामले में सजा पर बहस 19 दिसंबर को होगी. उसके बाद सजा का ऐलान किया जाएगा. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धर्मेश शर्मा ने फैसला पढ़ते हुए कहा, पीड़िता नाबालिग थी. जून 2017 में वो रेप की शिकार हुई, यह बात साबित होती है. लड़की ने बताया कि उसको लगातार धमकियां मिल रही थीं. वो ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित है. कोर्ट ने सीबीआई की जांच के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा, यह समझ से परे है कि सीबीआई ने चार्जसीट दायर करने में इतना वक़्त क्यों लिया?
इससे पहले 10 दिसंबर को जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कुलदीप सिंह सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे. अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई ने लड़की के पिता पर हमला किया और तीन राज्य पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलकर शस्त्र कानून के एक मामले में उसे फंसाया. जांच एजेंसी ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि विधायक और उसके सहयोगियों ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता पर देसी पिस्तौल और पांच कारतूस रखने का आरोप लगाया था. इसके बाद बीजेपी ने सेंगर पर कार्रवाई करते हुए उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
Kuldeep Sengar’s conviction is a victory of the justice system and has shown to the people that those who are in positions of power can run but can’t hide from the consequences of their depravity&crime. Never forget or forgive those who helped the accused. #UnnaoCase
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) December 16, 2019
नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में मुकदमे के सिलसिले में 28 जुलाई को पीड़िता, उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे, तभी रास्ते में उनकी कार को एक ट्रक ने रौंद दिया था. इस हादसे में पीड़िता की चाची व मौसी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. हादसे में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रुप से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए लाया गया था. पीड़िता ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था.
#UnnaoCase : तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया, 19 दिसंबर को सजा का एलान pic.twitter.com/Xq09iQZVgy
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 16, 2019
अप्रैल 2018 में पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में ही मौत हो गई थी. जिसके पीछे भी कुलदीप सेंगर का हाथ होने का अंदेशा जताया गया था. अदालत ने पहले कुलदीप सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या और अन्य आरोपों में आरोप तय किया था. अदालत ने सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप भी तय किए थे.