एक साल में वैध होंगे अवैध निर्माण..अमर

BHASKAR MISHRA
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t5t5 बिलासपुर—आवासीय और गैर आवासीय अनाधिकृत विकास की नियमितिकरण प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। शासकीय जमीन और शासन की अधिकृत जमीन के अलावा सभी अनाधिकृत आवासीय सम्पत्ति नाम मात्र शुल्क में नियमित होंगे। अनाधिकृत निर्माण की समस्या को एक साल के भीतर निराकरण सरकार को कहा गया है। यह बातें निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने आज पत्रकारों से कही। अमर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ अनाधिकृत संशोधित अधिनियम 2016 की विस्तृत जानकारी दी।

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                                    निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि विकास और निर्माण के क्षेत्र में लोगों ने कानून और नियम का पालन गंभीरता से नहीं किया। इसके लिए जितना दोषी अधिकारी हैं भवन बनाने वाले भी उतने ही जिम्मेदार है। इस बात को ध्यान में रखते हुए शासन ने सारे नियमों को शिथिल करते हुए आम जनता की गाढ़ी कमाई को बचाने नियमितिकरण अधिनियम में संशोधन किया है। सरकार ने अनाधिकृत विकास नियमितिकरण अधिनियम में संशोधन करते हुए अधिनियम 2016 लाया है।

                नियमितिकरण अधिनियम 2016 के अनुसार 1984 से 2016 के बीच बनाए गए आवासीय और गैर-आवासीय अनाधिकृत विकास का निराकरण किया जाएगा। अग्रवाल ने बताया कि अनाधिकृत विकास करने वाला व्यक्ति अगस्त 2018 से एक वर्ष के भीतर सक्षम कमेटी के सामने आवेदन पेश कर अनाधिकृत निर्माण को कानूनी जामा पहना सकता है।

                               यदि कोई इस लाभ से चूक जाता है या प्राधिकारी टीम को लगता है कि नियमितिकरण प्रक्रिया के कुछ अतिरिक्त समय की जरूरत है..ऐसी परिस्थिति में आवेदन प्राप्त करने की समयावधि को 30 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।  पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अमर ने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए नियमितिकरण प्राधिकारी का गठन किया जाएगा। टीम में कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक, नगरीय निकाय क्षेत्र के आयुक्त या सीएमओ, संबधित प्राधिकरण के सीएमओ और नगर एवं ग्राम निवेश के प्रभारी अधिकारी सदस्य के रूप में होंगे।

व्यावसायी और गैर आवासीय भवनों का शुल्क

                                अमर अग्रवाल ने बताया कि व्यावसायिक और गैर-आवासीय भवनों के लिए नगर पालिका निगम अधिनियम में भी सुधार किया गया है। 1956 की धारा 308 के अनुसार शुल्क का 16 गुना से 51 गुना अनाधिकृत विकास पर शुल्क निर्धारित किया गया है। मूल अधिनियम की धारा 6 (क) (3) मे संशोधन कर 120 वर्गमीटर से छोटे भूखण्डो पर निःशुल्क नियमितिकरण का प्रावधान किया गया है। 120-240 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखण्ड पर अनाधिकृत निर्माण पर 125 रूपये वर्गमीटर की दर निर्धारित की की गई है। 240-360 वर्गमीटर तक के भूखण्डो पर 200 रूपये वर्गमीटर की दर से शुल्क लिया जाएगा। 360 वर्गमीटर से अधिक के भूखण्डो पर 300 रूपये वर्गमीटर की दर से शुल्क लगाया जाएगा। अमर ने बताया कि शासन ने शुल्क निर्धारण करते समय लोगों के हितों का पूरा ख्याल रखा है।

नियमितीकरण की शर्तें

            निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास अधिनियम में  खुली जगह तक सीमित क्षेत्र मे ही नियमितिकरण मान्य होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग.सौर्य ऊर्जा के लिए कुछ निश्चित मानक तय किये गये हैं। ऐसे आवासीय या व्यावसायी निर्माण का नियमितकरण नहीं होगा जिसका निर्माण सरकारी जमीन, किसी कानूनी निकाय के स्वामित्व में किया गया हो। भवन रेखा  मार्ग रेखा के भीतर हो। निर्माण क्षेत्र जलाशय के किनारे या किसी प्राकृतिक जल निकास पर स्थित हो। भवन किसी विरासत को प्रभावित करता हो।

अपील का अधिकार

 निकाय मंत्री ने बताया कि नियमितकरण प्राधिकारी के खिलाफ प्रभावित व्यक्ति 30 दिनो के भीतर संभायुक्त के सामने अपील कर सकता है। इसके लिए उसे नियमितिकरण के दौरान निर्धारित राशि का 50 प्रतिशत जमा करना होगा। प्रभावित व्यक्ति संभागायुक्त के खिलाफ 30 दिनो के भीतर शासन के सामने अपील कर सकता है। अमर ने बताया कि बिलासपुर जिले में बिलासपुर, रतनपुर, सीपत साडा, बिल्हा, कोटा,पेण्ड्रा,मल्हार, तखतपुर, गौरेला,गनियारी,अरपा साडा मरवाही समेत 12 क्षेत्रों का गठन किया गया है।

अनाधिकृत कालोनियों का नियमितीकरण

            निकाय मंत्री ने बताया कि कालोनी के भवनों, भू-खण्डों के मालिकों से क्षेत्र के अनुपात में विकास शुल्क लिया जाएगा। खुला क्षेत्रफल उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में खुली भूमि के मूल्य की दुगनी राशि कालोनाईजर से वसूला जाएगा। उन्हीं अनाधिकृत कालोनियों का नियमितीकरण किया जाएगा। जिसमें कम से कम 25 प्रतिशत मकानों का निर्माण हो चुका है। सक्षम प्राधिकारी विकास शुल्कों का भुगतान किश्तों में तय करेंगे। नियमितिकरण वाले क्षेत्र में सोसायटी का भी गठन का प्रावधान है। सोसायटी और प्राधिकृत टीम वसलू किए शुल्क का उपयोग शर्तों के साथ क्षेत्र के विकास में खर्च करेंगे।

                       अमर ने बताया कि अनाधिकृत कालोनियाां जो 31 दिसम्बर 2014 के बाद बनाई गयी है। सक्षम प्राधिकारी अनाधिकृत निर्माण मानकर हटा सता है। उन्होने बताया कि बिलासपुर निगम क्षेत्र में कुल 17 कालोनी अनाधिकृत है। इसके अतिरिक्त लगभग 25 अनाधिकृत कालोनियाॅं नगर निगम सीमाक्षेत्र के सरकंडा, जोरापारा, बंधवापारा, अशोक नगर, बहतराई रोड, शुभम विहार के पीछे, शांति नगर, रेल्वे लाईन के पास, तोरवा, हेमू नगर क्षेत्र में स्थित है। अवैध कालोनी नियमितीकरण के संबंध में नगर पालिक निगम ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। इसके अलावा अन्य अनाधिकृत कालोनियों और निर्माण को चिन्हांकित किया जा रहा है।

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