छत्तीसगढ़ स्टार्ट-अप राज्य है,जहां विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं-सीएम रमन सिंह

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AA222182191A9961D3E550A20E48D9AAरायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से ‘मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप कार्यक्रम‘ की शुरूवात करते हुए सभी फैलोज् को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ सदैव नवाचार को प्राथमिकता देता आया है। ‘मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप कार्यक्रम‘ इन्ही प्रयोगों की अगली कड़ी है। राज्य शासन द्वारा फैलोस चयन प्रक्रिया में नये प्रयोग कर 6 छः माह की अल्प अवधि में फैलोस का चयन कर नियुक्ति भी कर दी गयी है। देश तथा देश के बाहर मौजूद सर्वश्रेष्ठ पेशेवरों को राज्य के विकास में भागीदार बनाने के लिए यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।

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डॉ. सिंह ने कहा कि फैलोज् मुख्यमंत्री की टीम का हिस्सा हैं, जिसमें कई प्रतिभाशाली वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी फैलोज् उनसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ शांतिप्रिय प्रदेश है। फैलोज् सामाजिक उत्थान के जिस उद्देश्य को लेकर राज्य में आये हैं उसे पूरा करें और छत्तीसगढ को देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में अपना योगदान दें।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय सिंह, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू, आईटी विभाग के सचिव संजय शुक्ला, राज्य प्रशासन अकादमी के निदेशक एम.के. त्यागी, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव  आर. प्रसन्ना, खाद्य विभाग की सचिव  ऋचा शर्मा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की सचिव शहला निगार, जनसम्पर्क विभाग के विशेष सचिव सुकुमार टोप्पो, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव मुकेश बंसल, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  एलेक्स पॉल मेनन और चिप्स के मुख्य परिचालन अधिकारी पुष्पेन्द्र मीणा भी उपस्थित रहे।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि राज्य शासन द्वारा पेशेवरों के चयन प्रक्रिया को सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर) बूट कैम्प आदि माध्यमों से प्रचारित किया गया। सोशल मीडिया के प्रचार-प्रसार को चहुंओर व्यापक सफलता प्राप्त हुई। अनेक राज्यों के मुख्य सचिवों ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव से सम्पर्क कर प्रोग्राम की विस्तृत जानकारी प्राप्त की है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप प्रोग्राम के अंतर्गत अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान हावर्ड बिजनेस स्कूल, लंदन स्कूल ऑफ बिजनेस, सिंगापुर के प्रसिद्ध बिजनेस स्कूलों, भारत के प्रमुख संस्थान आई.आई.एम., आई.आई.टी. और आई.एस.बी. के उम्मीदवारों सहित लगभग 4500 उम्मीदवारों ने आवेदन किया।

चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि  मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप प्रोग्राम को पूर्ण पारदर्शी बनाने के लिए त्रि-स्तरीय चयन प्रक्रिया को अपनाया गया। त्रि-स्तरीय चयन प्रक्रिया से जहाँ एक ओर पूर्ण पारदर्शिता रही, दूसरी ओर राज्य शासन को भी देश-विदेश के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के चयन का अवसर मिला। प्रथम चरण में उम्मीदवारों के ऑनलाईन परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें उम्मीदवारों की योग्यता, राईटिंग स्किल, मनोमिती परीक्षण और नेतृत्व क्षमता का परीक्षण किया गया। द्वितीय चरण में राज्य से संबंधित 15 विभिन्न “केस स्टडी” सभी उम्मीदवारों को प्रदान कर समाधान मांगा गया। आई.आई.एम. रायपुर और TISS मुम्बई के विषय विशेषज्ञों ने इन केस स्टडी के समाधानों का परीक्षण किया। तृतीय चरण में व्यक्तिगत साक्षात्कार लिया गया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेयरिंग कमेटी के निर्णय अनुसार राज्य के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों को सम्मिलित करने हुए कुल 10 इंटरव्यू पैनल बनाकर दिल्ली, रायपुर तथा बैंगलुरू में इंटरव्यू लिये गये।

फैलोज् की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। निमोरा स्थित छत्तीसगढ़ प्रशिक्षण अकादमी में दिनांक 15 नवंबर 2017 से इन फैलोज् के लिए विभिन्न विषयों में 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारंभ हो गया है। राज्य के वरिष्ट अधिकारियों द्वारा फैलोज् को प्रतिदिन मार्गदर्शन दिया गया है। इसके अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टी.आई.एस.एस. मुंबई), इंडियन इंसीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आई.आई.एम. रायपुर) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एजेंसी ई.पी.ओ.डी. के विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी फैलोज् को कार्य संचालन प्रबंधन, पारस्परिक सम्बंध, व्यापर्क आिर्थक वृद्वि के संकेतक, आपूर्ति श्रंखला प्रबंधन, डाटा विश्लेषण, प्रभावी संवाद, ई-गर्वनेंस, परियोजना प्रबंधन, कृषि अर्थव्यवस्था एवं शोध आदि विषयों पर वृहद प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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