जुलाई में मिल जाएंगे नए प्राध्यापक.. उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया..पीपीपी मॉडल से बनेगा रेेसिडेन्सियल अकादमी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—खेल विकास प्राधिकरण का गठन हो चुका है। फैसला लिया गया है कि प्रदेश में कुल 12 रेसिडेन्सियल अकादमी का गठन होगा। खिलाडियों की सारी समस्याओं को दूर किया जाएगा। प्रदेश के खेल मैदानों की स्थिति बेशक ठीक नहीं है। लेकिन इस समस्या को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। मार्च में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती होगी। जून जुलाई से महाविद्यालयों में  प्राध्यपकों की कमी नहीं होगी। यह बातें उच्च शिक्षा और खेल कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कही। 

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               छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान खेल मंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद हमने पाया कि छत्तीसगढ़ राज्य आधारभूत संरचना विकास को लेकर देश में पाचवें स्थान पर है। लेकिन मेडल में हमारी कहीं गिनती नहीं होती है। इसकी मुख्य वजह हमने पाया कि यहां प्रशिक्षण, डाइट और इक्वीपमेन्ट को लेकर बहुत लापरवाही है। इसलिए हमने पहली बैठक में सार्थक बातचीत के बाद कुछ अहम फैसला लिया है।

                    उमेश पटेल ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में कुल 12 रेसिडेन्सियल अकादमी का गठन होगा। यहां खिलाड़ियों को मांग के अनुसार डाइट, प्रशिक्षण और खेल सामाग्रियों की पूर्ती की जाएगी। इसके बाद खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर खेल प्रतियोगिता के दौरान कमी का अहसास नहीं होगा।

             पटेल ने बताया कि खेल विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष उपाध्यक्ष,मंत्री,विधायक, ओलंपिक संघ के पदाधिकारी होंगे। एक्जूक्यूटिव बाडी खेल विकास को लेकर निर्णय लेगी। उन्होने कहा कि खेल आवासीय अकादमी का निर्माण पीपीपी मॉडल से किया जाएगा। 

              प्रदेश में मैदानों की स्थिति ठीक नहीं है। बिलासपुर में हाकी मैदान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। खेल मंत्री ने बताया कि ना केवल बिलासपुर का हाकी मैदान बल्कि प्रदेश के कमोबेश सभी खेल मैदानों की यही हालत है। मेन्टनेन्स और खेल नहीं होने पर मैदानों की स्थिति का खराब होना स्वाभाविक है। हमने क्रिकेट मैदान को लेकर बीसीसीआई से बातचीत की है। मैच कराने की मांग की है। साथ ही इस प्रकार की समस्या का हल आवासीय अकादमी खुलने के बाद दूर हो जाएगी।

             एक सवाल के जवाब में उच्च शिक्षामंत्री ने बताया कि इस बात की जानकारी है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की कमी है। भर्ती का आदेश दिया गया था। लेकिन स्टे लग जाने के कारण भर्तियों में देरी हुई है। अब स्टे हट चुका है। मार्च में पीएससी के माध्यम से सहायक प्राध्यपकों की भर्ती होगी। जून जुलाई से महाविद्यालयों में प्राध्यपकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा।

                उमेश पटेल ने बताया कि समय पर डीपीसी नहीं हुई। इसके कारण भी स्टाफ की कमी है। हाईकोर्ट में स्टे लगा हुआ है। इस समस्या को भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। उच्च शिक्षामंत्री ने बताया कि रायगढ़ विश्वविद्यालय जल्द ही खुलेगा। कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। डायरेक्टर और वीसी स्तर के पदाधिकारी रायगढ़ में स्थान की तलाश कर रहे है। विश्वविद्यालय का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा।

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