रायपुर—राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नंदकुमार साय के आँध्रप्रदेश में पोलावरम बाँध में किए जा रहे कार्यों पर संतुष्टि जाहिर करने पर अमित जोगी ने नाराजगी जाहिर की है। अमित जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में विचारधीन है। बावजूद इसके साय ने बढ़ चढ़ कर पोलावरम बाँध का समर्थन किया। इससे छत्तीसगढ़ सरकार का पक्ष न्यायालय में कमजोर हुआ है।
मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग का पद संवैधानिक होता है। आँध्रप्रदेश सरकार साय के समर्थन को ढाल के रूप में न्यायालय में पेश करेगी। बाँध की ऊंचाई का खुला समर्थन करने वाले साय होते कौन है। जोगी ने कहा कि साय का बयान आदिवासी विरोधी है।
अमित जोगी ने साय से सवाल किया है कि आखिर आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू और पोलावरम बाँध बना रहे ठेकेदारों के साथ साय ने छत्तीसगढ़ के दो लाख आदिवासियों के भविष्य का सौदा किया है। प्रभावित आदिवासियों की सारी आपत्तियों को दरकिनार करते हुए स्वयं ही मुआवज़े और पुनर्वास पर संतुष्टि व्यक्त कर दी है। जोगी ने कहा कि जिस तरह साय आंध्रा गए उसी तरह सुकमा भी जाएँ। आदिवासियों के साथ दो दिन बिताएं और फिर प्रभावित आदिवासियों की संतुष्टि का ज्ञान लेकर सरकार को बताएं।
अमित जोगी ने कहा कि साय ने आज तक आदिवासी हितों के लिए कुछ नहीं किया। छत्तीसगढ़ की जनता साय से अपेक्षा भी नहीं करती। दिल्ली में आराम से बैठे रहें। लेकिन आंध्रा जाकर पोलावरम का समर्थन कर कम से कम प्रदेश के आदिवासियों का अहित तो ना करें।