बिलासपुर पुलिस के शिकंजे में दिल्ली के महाठग

BHASKAR MISHRA
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IMG-20161011-WA0004  बिलासपुर—फ्रेंचाइजी बांटकर लोगोंं को ठगी का शिकार बनाने वाले ठग सरगना को पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में लिया है। ठग गिरोह के तीन लोगों को पुलिस ने पहले से ही गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए ठगों की कुल संख्या अब पांच हो गयी है। दो आरोपी अभी भी फरार हैं।

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                      बिलासागुड़ी में ठग गिरोह का खुलासा करते हुए  एडिशनल एसपी प्रशांत कतलम ने बताया कि 21 मई को ठगी के शिकार मेसर्स प्राईड के संचालक भावेश पुजारा संजय यादव ने पुलिस को बताया कि यम ब्रांड को केएफसी फ्रेंजाइसी के लिए 79 लाख 20 हजार रूपए आन लाइन भुगतान किया। फ्रेंजाइसी मिलने में देरी के कारण रायपुर सेंटर संपर्क करने पर मालूम हुआ कि बिलासपुर में केएफसी का फ्रेंजाइसी नहीं है। केएफसी ने अभी बिलासपुर में फ्रेंजाइसी नहीं खोलने का निर्णय लिया है।संजय और भावेश को समझने में देर नहीं लगी कि वे लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं।

                          प्रशांत कतलम और सीएसपी लखन पटले ने बताया कि शिकायत के बाद  पुलिस ने संजय यादव और भावेश पुजारा से हासिल मोबाइल नम्बर पर बातचीत करने का प्रयास किया गया। केएफसी के अधिकारी, कर्मचारी, तकनीकी टीम, लिगल टीम, सर्वे टीम के सदस्यो के नम्बर अलग अलग करने पर पता चला कि जिस नम्बर पर संजय और भावेश ने बात किया है वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, दिल्ली के जहांगीरपुरी, उत्तमनगर, बुराडी, मुकुंदपुर, सुल्तानपुरी के हैं।

                      जांच के दौरान सभी ठिकाने फर्जी पाये गये। पुलिस ने रोहित को पता साजी के बाद दिल्ली से हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान रोहित शर्मा ने बताया कि साजिश में उसका जीजा ललित कुमार निवासी उत्तमनगर नई दिल्ली, विशाल कश्यप सहारनपुर, ममेरा भाई रमनप्रीत पंजाब और बबलू कश्यप जहांगिरपुरी भी साथ हैं।IMG-20161011-WA0005

                     बिलासपुर पुलिस टीम ने रोहित समेत उदयबीर सिंह और महेन्द्र पाल को नई दिल्ली से 23 सितम्बर को हिरासत में लिया। तीनों ने पुलिस को बताया कि वे लोग पिछले 10 साल से भारत के कोने कोने में टावर और विभिन्न कम्पनियो की एजेन्सी देने के  नाम पर ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने तीनो आरोपियों की निशानदेही पर विभिन्न बैंको में जमा लगभग 12 रूपयों को सीज करवा दिया ।

सरगना गिरफ्तार    

                 बिलासागुड़ी में आज खुलासा करते हुए कतलम और लखन पटले ने बताया कि ठग गिरोह के सरगना विशाल ऊर्फ दीपक कश्यप है। ठगी की दुनिया में विशाल का कामकाजी नाम विशाल राजदान ऊर्फ सम्राट अग्रवाल है। ठग गैंग का दूसरा सरगना ललित कुमार ऊर्फ सोनू है। दोनों को पुलिस ने 9 अक्टूबर की रात्रि को सहारनपुर में गिरफ्तार किया है।

                पत्रकारों से पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आईजी विवेकानन्द सिन्हा के निर्देश पर बिलासपुर पुलिस की चार सदस्यी टीम जांच पड़ताल के बाद 6 अक्टूबर को सहारनपुर के लिए रवाना हुई। इस दौरान जानकारी मिली कि विशाल कश्यप इस समय अपने परिवार के साथ पैरामाउन्ट ट्यूलिप कालोनी में रहता है। कालोनी करीब सौ एकड़ में फैला हुआ है।

           पुलिस टीम ने रेकी के दौरान पाया कि पूर्व सूचना के अनुसार ठगी के पैसे से खरीदा गया महिन्द्रा टीयूव्ही 300 ट्यूलिप के बिजनेस काम्पलेक्स में खड़ी है। उसका नम्बर भी सही है। गाड़ी में बैठकर विशाल किसी से चर्चा कर रहा है। दो तीन घण्टे बाद विशाल अपने साथियों के साथ पैरामाउन्ट स्थित अपने घर में चला गया। इसी दौरान पुलिस को घर का ठिकाना भी मालूम हुआ।

              IMG-20161011-WA0002    एडिशनल एसपी प्रशांत कतलम ने बताया कि देर रात पुलिस टीम के प्रमुख नसर सिद्धकी ने रूढ़की से घटनाक्रम की जानकारी दी। आईजी बिलासपुर के निर्देश पर टीम ने 9 अक्टूबर की रात को दो बजे रूठकी से चलकर पैरामाउन्ट ट्यूलिप स्थित विशाल कश्यप के मकान को घेर लिया। इस दौरान पुलिसं ने खतरनामक जर्मन शेफर्ड कुत्तों को किसी तरह काबू में किया। दरवाजे पर दस्तक दी तो विशाल पीछे के दरवाजे से भगाने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस जवानों ने उसे धर दबोचा।

               कलतम ने बताया कि विशाल अपने साठू के साथ बाथरूम में छिपा हुआ था। जब उसने भागने का प्रयास किया तो पुलिस अधिकारियों ने उस पर पिस्टल तान दिया। मजबूर होकर विशाल और ललित को सरेंडर करना पड़ा।

             हिरासत में आने के बाद दोनों ने टीम के साथ भारत के कोने कोने में ठगी की बात को स्वीकार किया है। पुलिस को दोनों के कब्जे से लैपटाप,डेस्कटाप,महिन्द्रा टीयूव्ही,मोबाइल सिम कार्ड,बैंक से संबधित दस्तावेज,स्केनर मिले हैं।

       लखन पटले ने बताया कि ठग गैंग के दो आरोपी रमनप्रीत और बबलू कश्यप फरार है। जिन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा। इसमें से एक को चिकनगुनिया हो गया है। उस पर पुलिस की नजर है।

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