बिलासपुर जिले मे साढ़े 3 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त,महिला बाल विकास सचिव ने की मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा,जल्द भरे जाएंगे आंगनबाड़ी केन्द्रो के रिक्त पद

Shri Mi
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बिलासपुर।महिला एवं बाल विकास विभाग सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का बिलासपुर एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में क्रियान्वयन की समीक्षा की और महत्वपूर्ण निर्देश दिये।सचिव ने कहा कि सभी कुपोषित बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आए और पोषण आहार से लाभान्वित हो। बच्चे और गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं में कुपोषण दूर करने हेतु उनमंे भोजन की आदतों मंे बदलाव के लिये जागरूक लायी जाये। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

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मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सेक्रेटरी परदेशी ने निर्देश दिया कि कुपोषण से ग्रसित शत-प्रतिशत बच्चों का चिन्हांकन कर उनको मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में शामिल किया जाये। कुपोषित बच्चे ज्यादा समय तक भूखा न रहे। इसलिए बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र में आने के पूर्व अपने घरों से नाश्ता करके आएं और घर जाने के बाद भी भोजन करें तथा रात में भी उनको पौष्टिक भोजन मिले। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं माॅनिटरिंग करेंगी।

कुपोषित बच्चों के घर के सदस्यों और उनकी माताओं को भी इस संबंध मंे जागरूक किया जाए। प्रत्येक बच्चों में कुपोषण के अलग-अलग कारण होते हैं। जिनको चिन्हांकित करते हुए उनको कुपोषण से मुक्त करने के लिये कार्य करें। जो बच्चे सुपोषित हो गए हैं वे फिर से कुपोषित न हो, इसके लिये सतत् निगरानी की जाए।

सचिव परदेशी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाने का निर्देश दिया। जहां मुनगा, पपीता आदि के पेड़ एवं पौष्टिक सब्जियां लगाई जा सकती है। उन्हांेने मुख्यमंत्री कन्या विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह के लिये कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत हितग्राहियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने एवं इसकी मासिक समीक्षा करने का निर्देश भी दिये।

साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों को भी शीघ्र भरने कहा।बैठक में कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग ने कहा कि बच्चांे को ज्यादा समय तक भूखा रखने से उनमें कुपोषण आता है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष ध्यान रखना चाहिये। आंगनबाड़ी केन्द्रों मंे प्रदान किये जाने वाले भोजन मंे विविधता लाकर पौष्टिकता को बढ़ाएं। बच्चों को दिन भर कुछ न कुछ खाना मिलना चाहिये।  

साढ़े 3 हजार बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त
बैठक में सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि बिलासपुर जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 26 हजार 816 कुपेाषित बच्चों में से साढ़े 3 हजार बच्चों को तीन माह में कुपोषण से मुक्त किया गया। है। अभियान में 0 से 5 वर्ष के 26 हजार से अधिक बच्चे और 6 हजार से अधिक गर्भवती माताओं को अतिरिक्त पोषण आहार दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों को हफ्ते में दो दिन पौष्टिक लड्डू और गर्भवती माताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म भोजन दिया जाता है।

अभियान के फलस्वरूप कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आये बच्चों की संख्या जो अक्टूबर माह में 0.37 प्रतिशत थी, वह माह जनवरी में बढ़कर 13.33 प्रतिशत हो गयी है।
आज की बैठक में अपर कलेक्टर बी.सी.साहू, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी नेहा राठिया, विभाग के सीडीपीओ, सुपरवाईजर उपस्थित थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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