रायपुर— संभावना जाहिर की जा रही है कि आगामी निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष हो सकता है। सरकार ने एक कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है। समिति एक सप्ताह के अन्दर सरकार को रिपोर्ट देगी। इसके बाद जो भी फैसला होगा सामने आएगा। समिति में संसदीय कार्य मंत्री रवीन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया को शामिल किया गया है।जानकारी मिल रही है कि छत्तीसगढ़ में भी निकाय चुनाव के दौरान ही मेयर और अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। कहने का मतलब है कि मेयर और नगर पालिका के साथ नगरपंचायत अध्यक्षो का चुनाव जनता नहीं करेगी। संभावना जाहिर की जा रही है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर महापौर अथवा अध्यक्ष का चुनाव सीधे ना होकर पार्षद करेंगे। सरकार ने मामले पर विचार करने के लिए तीन वरिष्ठ मंत्रियों की उप समिति का गठन किया है। 25 अक्टूबर को समिति रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही मुख्यमंत्री फैसला करेंगे। समिति मेेंं सरकार के तीन मंत्री रविन्द्र चौबे,मोहम्मद अकबर,डॉ.शिव डहरिया को रखा गया है।
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बताते चलें कि 25 साल पहले साल 1994 तक मेयर,अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था। बाद में सरकार ने एक फैसला कर 1999 में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे कराया। संभावना जाहिर की जा रही है कि इस बार भी महापौर और अध्यक्ष चुनाव में पुरानी परंपरा को लागू किया जा सकता है। जानकारी हो कि परिसमीन का काम हो चुका है। आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। वार्डों का आरक्षण भी हो चुका है। मुख्यमंत्री ने भई पहले संकेत दे चुके हैं कि मेयर और अध्यक्षों के पद के चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। एक दिन पहले ही बिलासपुर में गृहमंत्री ताम्रध्वज ने भी एक सवाल के जवाब में कहा है कि सरकार मेयर और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया को लेकर विचार कर रही है जल्द ही फैसला आ जाएगा।
समिति 25 अक्टूबर को रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट को आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। नीतिगत निर्णय के बाद फैसले का एलान किया जाएगा।