मौत को न्योता दे रहा जिला चिकित्सालय…सड़क को बना दिया मच्छरों का हैचरी…मरीज और जनता परेशान

BHASKAR MISHRA
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सुरजपुर(मनीष जायसवाल)—प्रदेश के कमोबेश सभी जिलों में डेंगू को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। डेंगू के खिलाफ युद्धस्तर पर जंग का एलान भी कर दिया है। गली,स़ड़क, नालियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अस्पतालों को भी डेंगू के खिलाफ कमर कसकर तैयार रहने का निर्देश भी दिया है। लेकिन सूरजपुर प्रशासन कहीं से भी डेंगू मलेरिया को लेकर गंभीर नज़र नहीं आ रहा है। गली,सड़कों और अस्पतालों को देखने के बाद तो ऐसा लगता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत जिला प्रशासन डेंगू को न्योता दिया है। कुछ इस तरह की डेंगू आओ और मरीज बनाओ….।
                  सरकार ने डेंगू को महामारी घोषित कर दिया है। शासन के आदेश के बाद प्रदेश के सभी जिला प्रशासन को डेंगू के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य व्यवस्था को चाक चौबंद रखने को कहा है। बावजूद इसके सूरजपुर प्रशासन की गतिविधियां ऐसी नजर नहीं आती है कि कहा जा सके कि डेंगू को गंभीरता से लिया जा रहा है। और सरकार ने महामारी कहा है।
                          सूरजपुर जिला डेंगू की आहट से बेखबर है। इसकी बानगी चौक चौराहों और अस्पतालो में देखी जा सकती है। जिला चिकित्सालय सूरजपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के पास जमा पानी डेंगू को न्योता देता है। मच्छर का झुंड स्वास्थ्य महकमा का मुंह चिढ़ा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जमा पानी किसी को दिखाई नहीं दे रहा है। मजेदार बात है कि इसी रास्ते से अस्पताल के बड़े बड़े डाक्टरों का आना जाना होता है।
                                             जिला चिकित्सालय के रूक देखकर मानों ऐसा लगता है कि सड़क में पानी इकठ्ठा कर हैचरी की तरह मच्छरों को पाला जा रहा है। एक तरफ स्वच्छता अभियान पर प्रशासन लाखों रुपया खर्च का दावा करता है। अभियान से लोगों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। तरह तरह के आयोजन किये जा रहे है। मलेरिया और डेंगू से रोकथाम के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में ठीक जिला अस्पताल के सामने मच्छरों की हैचरी समझ से परे हैं।
                        लोगों की माने तो सुरजपुर जिला चिकित्सालय के सामने सड़क में इकठ्ठा पानी तो मात्र एक उदाहरण है। पूरे शहर के हालत इससे भी बदतर हैं। समस्या को लेकर कई बार शिकायत हुई। लेकिन जिला प्रशासन और प्रबंधन के कानों में जूं तक नहीं रेंगता है। हास्यास्पद स्थिति तो तब बनती है जब जिला चिकित्सालय के डॉक्टर मरीजों को डेंगू और मलेरिया से बचने का उपाया बताते हैं कि घर और आस पास पानी को इकठ्ठा नहीं होने दिया जाए।
                 बहरहाल जिला चिकित्सालय के सामने पसरी गंदगी और इकठ्ठा पानी से तो यही लगता है कि सूरजपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डेंगू मलेरिया को न्योता दे रखा है। यहां मच्छर आए और यहां फैली हुई गंदगी में अपना साम्राज्य फैलाएं। यह जानते हुए भी कि
जिला चिकित्सालय सुरजपुर में रोजाना सैकड़ों हजारों की संख्या में मरीज और उनके परिजनों का आना जाना होता है। बावजूद इसके जिला चिकित्सालाही य प्रबंधन की लापरवाही समझ से परे है।
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