लिंगराज ने 15 दिन में गोबर बेच कर कमायें 44200 रूपए,एसएमएस के जरिए मिली जमा राशि की सूचना

Chief Editor
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महासमुंद-खेती किसानी और पशुपालन करने वाले लिंगराज आज खुशी से झूम रहा है । यह खुशी उसे गोधन न्याय योजना के जरिए मिली है। महासंमुद जिले के विकासखण्ड के भीतरी गांव छिबर्रा के रहने वाले और खेती किसानी के साथ पशुपालन का काम करने वाले लिंगराज ने गोधन न्याय योजना के शुभारंभ 20 जुलाई से 4 अगस्त तक 15 दिनों 221 क्विंटल का गोबर बेचा। आज उसके खाते में 44200 रूपए आने की सूचना उसे उसके मोबाइल एसएमएस पर (अलर्ट टोन्स) से मिली। लिंगराज ने सपने में भी नहीं सोचा था कि गोबर 15 दिन में इतने पैसे मिल सकते है। लेकिन यह सब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल की इस महात्वाकांक्षी योजना ने उसके और उसके जैसे हजारों पशुपालकों के सपने को साकार कर दिया। राज्य सरकार दो रूपये प्रतिकिलो की दर से गौठानों में पशुपालकों से गोबर खरीदी रही है और वायदे के मुताबित 15 दिन के भीतर उसका भुगतान भी कर दिया है।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

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किसान गोपालक लिंगराज के पास खेती के अलावा 25 गाय है। जिनका दूध वह स्थानीय आसपास के बाजार में बेचा करता है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते उसका दूध ज्यादा नहीं बिक रहा था। लेकिन अब गोबर बेचने से उसकी दूध नहीं बिकने की थोड़ी भरपायी जरूर हो गयी है। इसलिए वह सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद कर रहा है।मालूम हो कि छत्तीसगढ़ सरकार की ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ का हरेली पर्व 20 जुलाई को शुरू हुई थी। जिले में इस योजना के शुरू होने से अब तक यानि 4 जुलाई तक यानि 15 दिन के भीतर जिले के 84 गौठानों में 1635 किसान पशुपालकों को ने 4555 1क्विंटल गोबर बेचा (विक्रय) किया है ।

इक्यासी (81) गौठान समिति द्वारा इसके एवज में 911186 रूपए का भुगतान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा पब्लिक फायनेंसीयल मेनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) सभी 1635 किसान, पशुपालक को किया गया । पीएफएमएसएक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके द्वारा ई-पेमेन्ट सब्सिडी का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (डीबीटी) से होता है। आपको बतादें कि जिले में 84 गौठानों में 78 ग्रामीण क्षेत्र के तथा 6 नगरीय निकाय क्षेत्र के है। इनमें अब तक यानि 4 अगस्त कुल 1935 किसान, पशुपालक हितग्राहियों ने गोबर बेचने के लिए पंजीयन कराया है।

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