बिलासपुर।सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध में बुधवार को एक दिवसीय संभागस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्घाटन राज्य सूचना आयुक्त मोहन राव पवार ने किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अधिनियम का मूल उद्देश्य जवाबदेही व पारदर्शिता है। एक्ट के साथ टेक्ट अपनाया जाना चाहिए। संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने कहा कि आरटीआई में आम लोग फोकस बिंदु है। जिनके चारों ओर यह एक्ट घूमता है। आरटीआई का कानूनी हक दिया गया है। जिसे लोगो तक पहुॅचाएं। मंथन सभा कक्ष में आयोजित उक्त कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पवार ने जनसूचनाअधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 12 अक्टूबर 2005 को सूचना के अधिकार को कानून का रूप दिया गया। काफी सोच समझकर यह एक्ट बनाया गया है।
इस एक्ट के तहत् कार्यालय में उपलब्ध सभी जानकारी आवेदक को देना है। लेकिन क्या और कैसे की जानकारी नहीं दी जा सकती है। जनसूचना अधिकारी के समक्ष बहुत समस्याएं है लेकिन जो जानकारी दी जानी है वह हर हालत में दी जाएं। इसमें जो व्यवहारिक समस्याएं है उन्हे कार्यशाला के माध्यम से दूर करने का प्रयास करेगें। एक्ट का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु जनसूचना अधिकारी हैं। वे सजग होकर कार्य करेगंे तो अपील की जरूरत नहीं पडे़गी। आरटीआई कानून के प्रावधान का पालन करना चाहिए।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए संभागायुक्त श्री बोरा ने कहा कि आरटीआई अधिनियम का क्रियान्वयन जनसूचना अधिकारी के समक्ष एक चुनौती होता है। इसमें जानकारी देने में जितनी पारदर्शिता होगी उतना ही लोगों के साथ संबंध मजबूत होगा। जानकारी सटीक हो। कार्य में जवाबदेही व संवेदनशीलता झलकेगी तो लोगों में एक विश्वास कायम होगा। शासन प्रशासन तंत्र जवाबदेह नहीं होगा तो इससे अराजकता व अशांति फैलेगी। श्री बोरा ने आरटीआई कानून को दिल से लागू करने कहा। कार्यालय में जनसूचनाअधिकारी, अपीलीय अधिकारी और सूचना के अधिकार के संबंध में बोर्ड लगाकर जानकारी दे। सूचना के अधिकार के संबंध में जितनी ज्यादा जानकारी प्रदर्शित करेंगें। इससे पता चलेगा कि प्रशासन जवाबदेही से कार्य कर रहा है। जहाॅ कहीं भी मौका मिले लोगों को इस संबंध मे जागरूक करें। जनसमस्या निवारण शिविर, जनदर्शन, लोकसुराज अभियान आदि के माध्यम से आरटीआई के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जागरूकता जितनी बढ़ेगी लोगों को उतना ही फायदा होगा। कार्यालय की जानकारी अपटेड करते रहे ताकि गलत जानकारी लोगों तक न पहुॅचे। आईजी पुलिस पवन देव ने कहा हम अपने कार्य को इतना पारदर्शी बनाएं जिससे लोग इस एक्ट का दुरूपयोग न कर सकें। पब्लिक मनी को किस तरह खर्चं किया जा रहा है। इसे जानने का अधिकार हर नागरिक को है। हमें अपना आचरण इतना अच्छा रखना चाहिए कि लोगों को भ्रम और शंका न हो। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन करते हुए कलेक्टर श्री अन्बलगन पी. ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम के लागू होने से प्रशासन में सकारात्मक बदलाव दिखने लगा है। यह एक्ट नागरिकों के लिए बनाया गया है। जिनके साथ अन्याय होता है। वे इस एक्ट के द्वारा अपनी लड़ाई लड़ सकते है।