संसदीय सचिव ने कहा..प्रदेश मुखिया भूपेश इशारा तो करें..चल देंगे दिल्ली

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- प्रदेश के मुखिया बोलना तो दूर..बस इशारा कर दें..कैबिनेट एक टांग पर आदेश मालने को तैयार है। बिना प्रश्न किए एक एक नेता दिल्ली चलने को तैयार है। यह बातें संसदीव सचिव एक बयान जारी कर बताया है। विकास उपाध्याय ने कहा कि पूरे विधायक इस समय केवल  मुख्यमंत्री के इशारे का इंतजार कर रहे हैं।
 
                             कांग्रेस विधायक प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर आ रहे तकनीकी परेशानी के लिए केन्द्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है। केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री प्रदेश की सरकार को परेशान करने सोची समझी रणनीति के तहत काम कर रही है। पहले आदेश 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का आदेश दिाय गया। बाद में वारदाना में जान बूझकर कमी की गयी।अब चावल का उठाव नही किया जा रहा है। ऐसा केवल सरकार को परेशान करने के लिए ही किया जा रहा है। 
 
              विकास उपाध्याय ने बताया कि ऐसी स्थिति में अब हम केवल अपने मुखिया के इशारे का इंतजार कर रहे है। इशारा मिलते ही प्रदेश के सभी विधायक कैबिनेट के साथ दिल्ली कूच के लिए तैयार बैठे है। विकास ने कहा कि जिन कृषि कानूनों का देश भर में विरोध किया जा रहा है..और केन्द्र दमनकारी रणनीति के तहत किसानों को परेशान कर रही है। उसे देश और प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
     
                संसदीय सचिव विकास  बयान दिया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर आ रही तकनीकी परेशानी के केवल केन्द्र की मोदी सरकार और भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसानों के हित को लेकर मंशा साफ है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में एक मात्र प्रदेश है जहाँ किसानों को धान खरीदी पर प्रति क्विंटल 2500 रुपये दिया जा रहा है। लेकिनयह बात केन्द्र सरकार को खटक रही है । भाजपा जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित कर रहे हैं जिससे किसानों को प्रारंभिक दिक्कतें आये। दरअसल मोदी सरकार किसानों को दिग्भ्रमित कर रही है।
 
     विकास ने बताया कि धान खरीदी के लिए वारदाना देने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। लेकिन जानबूझकर छत्तीसगढ़ को  वारदाना नहीं दिया गया। ताकि छत्तीसगढ़ के खुशहाल किसान परेशान हों। किसानों के मन में भूपेश सरकार के खिलाफ नफरत पैदा हो। लेकिन केन्द्र सरकार यह  भूल गई कि जो किसान कांग्रेस के वचन को दो वर्षों से पालन करते देखते आ रही है भला वह कैसे दिग्भ्रमित हो सकती है। दरअसल मोदी सरकार ऐसी परिस्थिति निर्मित कर  कृषि कानूनों का  विरोध कर रहे किसानों का ध्यान भटकाना चाहती है।
 
                          विधायक विकास ने जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है।  केन्द्र से फूटी कौड़ी की मदद नहीं मिली है। छत्तीसगढ़ के हिस्से का 4000 करोड़ से भी ज्यादा का रकम मोदी सरकार दे नहीं रही है और यही वजह है कि भूपेश सरकार प्रदेश की खुशहाली के लिए कर्ज लेने मजबूर है। उन्होंने कहा भाजपा का किसान विरोधी चेहरा अब उजागर हो चुका है जो दिल्ली के सिंधु बॉर्डर में चल रहे आज 36 वां दिन ने देश ही नहीं पूरे विश्व को बता दिया है कि मोदी सरकार किसानों के हितों को लेकर कितना गंभीर है और आने वाले दिनों में मोदी सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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