बिलासपुर—सतनामी समाज के लोगों ने आज कलेक्टर और एसपी से मिलकर बाबा गुरूघासी दास के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक को प्रतिबंध लगाने की मांग की है। शिकायत कर्ताओं के अनुसार केदारनाथ एंड सन्स से प्रकाशित पुस्तक में बाबा गुरूघासी दास की जगह किसी अन्य के चेहरे को दिखाया गया है। जानकारी भी गलत दी गयी है।
सतनामी समाज के लोगों ने आज कलेक्टर और पुलिस कप्तान से मिलकर केदार एण्ड संस के प्रकाशक पर कार्रवाई की मांग की है। समाज के लोगों ने कलेक्टर से बताया कि प्रकाशक ने अपनी पुस्तक में बाबा गुरूघासी दास के विषय मे ना केवल गलत जानकारी दी है। बल्कि उनकी जगह किसी अन्य चेहरे को दिखाया गया है। समाज के लोगों ने प्रकाशक और लेखक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इसके पहले आक्रोशित सतनाम समाज के लोगों ने सिविल लाइन थाने पहुच कर शिकायत दर्ज करायी। सतनाम सामाज के राजमंहतों ने पुस्तक प्रकाशित करने वाली कम्पनी और लेखक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। श्री हिन्दू सतनामी महासभा समिति के सदस्यों ने बताया की मथुरा के प्रकाशक ने बाबा के जीवन पर आधारित बाबा गुरूघासी दास पुस्तक में आपत्तीजनक और गलत शब्दो का प्रयोग किया गया है।
पुस्तक में बाबा गुरूघासी दास की जगह किसी दूसरे व्यक्ति का चित्र छापा गया है। इससे सतनाम समाज और अन्य लोगो आक्रोशित हैं। पुस्तक में बाबा को जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया गया है। इससे सतनामी सामाज आक्रोश में है। सामाज का कहना है कि गुरू का अपमान किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। जितने भी अंक प्रकाशित किए गये है। सभी को जब्त कर जलाया जाए।
सतनामी समाज के लोगों ने कलेक्टर और पुलिस कप्तान को लिखित शिकायत में उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है। सतनाम समाज के राजमहंतों ने बताया कि यदि 15 दिन के अन्दर प्रकाशक पर कार्रवाई नही होती है सतनाम समाज का एक एक व्यक्ति अंतिम लड़ाई लड़ने को तैयार है। चाहे इसका अंजाम कुछ भी हो। इसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।