सांस्कृतिक आयोजनों में भी काफी पीछे  है बिलासपुर .?

Chief Editor
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lokkalaबिलासपुर । प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग सांस्कृतिक आयोजनों के लिए खुले हाथ मदद कर रहा है। जिसके सहारे बड़े-बड़े आयोजन हो रहे हैं। लेकिन बिलासपुर शहर इन आयोजनों में काफी पीछे नजर आता है। आँकड़े बताते हैं कि पिछले दो साल के दौरान संस्कृति विभाग की मदद से प्रदेश में 185 कार्यक्रम हुए । जिनमें अकेले रायपुर में 117 कार्यक्रम हुए । जबकि बिलासपुर के हिस्से में केवल 7 कार्यक्रम आए। प्रदेश भर के कार्यक्रमों मे जहां दो साल में साढ़े सात करोड़ रुपए खर्च हुए , वहीं बिलासपुर के कार्यक्रमों में करीब उन्नीस लाख ख्रर्च हुए।

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विधानसभा में विधायक डा. विमल चोपड़ा ने वर्ष 2015-2016 और 2016-2017 के दौरान प्रदेश में संस्कृति विभाग के द्वारा कराए गए कार्य़क्रम का नाम , स्थान, दिनांक और भुगतान की गई या भुगतान योग्य राशि का ब्यौरा मांगा था। इसके जवाब मे विभाग के मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि पिछले दो साल के दौरान प्रदेश में 185 कार्यक्रम कराए गए। जिनमे 7 करोड़-58 लाख-29 हजार-403 रुपए खर्च हुए।

विधायक की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में पेश की गई लिस्ट के हिसाब से प्रदेश में सबसे अधिक 1885 कार्यक्रम राजधानी रायपुर-नया रायपुर में कराए गए। जबकि न्यायधानी बिलासपुर  में कुल सात कार्यक्रम हुए । यहां आयोजित हुए बिलासा कला महोत्सव,लोककला यात्रा, स्वदेशी मेला, ताला महोत्सव, गुरूघासीदास जयंती महोत्सव के लिए करीब उन्नीस लाख रुपए की मंजूरी मिली। हालांकि संस्कृति विभाग ने छत्तीसगढ़ के बाहर भारत पर्व नई दिल्ली राजपथ पैवेलियन, बैंगलुरू,उज्जैन, टाटानगर( झारखंड) में भी कार्यक्रम आयोजित किए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ के नवागढ़ – बेमेतरा, रायगढ़, जाँजगीर- चाँपा, कोरिया, कुरुद-दमतरी,खैरागढ़, सिरपुर, बलरामपुर, बालोद, दंतेवाड़ा, गिरौदपुरी धाम, मंदिर हसौद, राजनांदगाँव, मैनपाट-सरगुजा, नर्मदा-गंडई महोत्सव, कर्मेश्वर मेला महोत्सव, सिहावा नगरी, जगदलपुर और सूरजपुर  में आयोजित कार्यक्रमों के भी नाम हैं। जहां संस्कृति विभाग की मदद से कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। लेकिन किसी के हिस्से में एक तो  किसी के हिस्से में दो कार्यक्रम आए। इस लिस्ट के हिसाब सांस्कृतिक आयोजनों के मामले में बिलासपुर प्रदेश में दूसरे नंबर पर नजर आता है।फिर भी राजधानी में न्यायधानी के मुकाबले करीब 110 कार्यक्रम अधिक हुए।

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