बिलासपुर—आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका एक जुट होकर मानदेय बढ़ाने और अन्य अधिकारों को लेकर बापू स्टाइल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। मस्तूरी ब्लाक की सहायिका और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंगला चौक से मुंगेली नाका चौक तक सड़क एक किनारे कतारबद्ध होकर सरकार और जिला प्रशासन पर दबाव बनाया। इसके पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने जिला प्रशासन के सामने अपनी मांगो को भी रखा।
मालूम हो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने रायपुर में 31 जुलाई से 2 अगस्त तक तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। मस्तूरी ब्लाक की आंगनबा़डी कार्यकर्ताओँ के आह्ववान पर प्रांतीय पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आज बिलासपुर में प्रदर्शन में लिया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को मांग पत्र देकर मुंगेेली नाका से मंगला चौक तक सड़क किनारे कतारबद्ध एकता के साथ शक्ति का प्रदर्शन किया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिलाओं ने बताया कि कहने को तो हम लोग महिला बाल विकास विभाग का हिस्सा हैं। पोषण आहार से लेकर बच्चों की देखरेख का जिम्मेदारी निभाते हैं। लेकिन शासन ने समय के साथ बिना बताए कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया…लेकिन मानदेय आज भी 20 साल पुराना है। महिलाओं ने बताया कि काम कई गुना बढ़ गया है। लेकिन मंहगाई में मिलने वाला मानदेय पर्याप्त नहीं है। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
मस्तूरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि कई बार सरकार और जिला प्रशासन से मानदेय बढाने की मांग की है। लेकिन हर बार हमारी आवाज नक्कारखाने में तूती साबित हुई। हम लोगों की स्थिति को लेकर ना तो सरकार गंभीर है और ना ही जिला प्रशासन। हम लोगों ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिनों तक रायपुर में धरना प्रदर्शन किया। आज बिलासपुर जिला प्रशासन को मांग देने के बाद सड़क किनारे खड़े होकर अधिकारों की भीख मांग रहे हैं।
महिलाओं ने बताया कि चार हजार और दो हजार में दिन रात काम करना मुश्किल है। हम चाहते हैं कि सरकार मानदेय की राशि 18 हजार करे। सेवानिवृत होने पर पांच लाख रूपए दे। अन्यथा हम लोग समय समय पर क्रमिक हड़ताल के अलावा उग्र आंदोलन भी करेंगे।