बिलासपुर।देश और प्रदेश में ठंड का कहर जारी है। a cold snap का दौर चल रहा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में ठंड से स्कूली बच्चों को राहत दिलाने के लिये अभी तक कोई भी सार्थक पहल नही हुई है……! शिक्षक संघ की मांग पर ठंड के प्रकोप को समझे हुए सबसे पहले सुरजपुर जिला कलेक्टर दीपक सोनी और जिला शिक्षा अधिकारी उपेंद्र सिंह क्षत्रिय ने शासकीय स्कुलो में दो जनवरी तक अवकाश की घोषणा की उसके बाद से जशपुर, रायगढ़, कोरिया में स्कुलो में 2 जनवरी अवकाश आगे बढ़ाया गया।सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों को अब मध्यान भोजन के साथ सर्दी खांसी बुखार भी परोस रहा है। एक ओर अधिकारी बन्द कमरों और गाड़ियों के हीटर की के मजे ले रहे है । तो दूसरी ओर बच्चे कप कपाती ठंड में स्कूल जाने को मजबूर है। सबसे हालत खराब दो पालियों में संचालित होने वाले स्कुलो की है।
सरगुजा में मैनपाट में पारा ठंड एक डिग्री तक पहुंच गया है। बिलासपुर जिले के पेंड्रा में औऱ अन्य स्थानों में शीत लहर चल रही है। मौसम विभाग की चेतावनियों को शिक्षा विभाग नजर अंदाज कर रहा है। इन इलाकों में कई बच्चे नंगे पांव और बिना स्वेटर के स्कूल जा रहे है। पर यह सब अधिकारियों को दिखाई नही दे रहे है।
निकाय चुनाव की गर्मी के बाद पंचायत चुनावों की गर्मी ने सत्ता और विपक्ष दोनो के नेताओ ने प्रदेश के स्कूली बच्चों को ठंड से होने वाली परेशानियों से मुंह मोड़ लिया है। इस ओर किसी ने कोई ठोस कदम नही उठाया है।
शिक्षक संघ ठंड को देखते हुए अवकाश घोषित करने की मांग कर चुके है । जिसे स्कूल शिक्षा विभाग नजर अंदाज कर चुका है। छात्रो से सबसे करीब जुड़े रहने वालों शिक्षको की सिफारिशों पर तवज्जो नहीं दी जा रही है।
प्रदेश में रिकार्ड तोड़ती ठंड को देखते डाक्टर्स बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्कूल नही भेजने की सलाह दे रहे है। जिसका असर निजी स्कुलो में दिखाई दे रहा है। ठंड की वजह से सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कई मरीजो कि संख्या में बढ़ोतरी निजी और सरकारी अस्पतालों में बढ़ गई है।
शीत कालीन अवकाश के बाद ठंड को देखते हुए 2 जनवरी तक अवकाश जारी रखने के लिए जो आदेश जारी किए गए है।उससे पालकों व शिक्षको के बीच लोकप्रिय फैसले के लिए चर्चा में सुरजपुर, जशपुर, कोरिया के जिला कलेक्टर व शिक्षा अधिकारी बने हुए है। जिसका अनुसरण पूरे प्रदेश को करना चाहिए था जो हो न सका…!