बिलासपुर—-अटल यूनिवर्सिटी प्रबंधन की भयंकर लापरवाही सामने आ रही है। विश्वविद्यालय की 11 छात्राएं लाकडाउन में पिछले दो महीने से फंसे हैं..लेकिन प्रबंधन इन 11 छात्राओं को लेकर थोड़ी भी गंभीर नहीं है। वहीं छात्राओं के माता पिता अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की ठुलमुल रवैया के बाद जिला प्रशासन और राजनेताओं का चक्कर लगा रहे हैं। बच्चियों को घर वापस लगाने की गुहार लगा रहे हैं। मामले में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर गहरी नाराजगी जाहिर कर छात्राओं को जल्द से जल्द घर वापस लाने का दबाव बनाया है।
प्रशिक्षण लेने गयी छात्राएं लाकडाउन में फंसी
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय प्रबंधन पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने लापरवाही और कुशासन का आरोप लगाया है। विजय केशरवानी ने बताया कि चार महीने पहले विश्वविद्यालय ने 11 चुनिन्दा छात्राओं को फूड प्रोसेसिंग और होटल मैनेजमेन्ट का प्रशिक्षण लेने गुजरात, कोलकाता और भोपाल भेजा। इसमें से 8 छात्राएं प्रोसेसिंग कोर्स की प्रशिक्षण लेने गुजरात गयी। 2 छात्राएं हाटल मैनेजमेन्ट की ट्रेनिंग लेने कोलकाता और 1 छात्रा भोपाल गयी।
छात्राएं परेशान..भटक रहे परिजन
विजय ने बताया कि सभी 11 छात्राओं की ट्रेनिंग एक डेढ़ महीने पहले खत्म हो गयी। इसी दौरान कोरोना प्रकोप के चलते देश में लाकडाउन का फैसला लिया गया। लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्राओं को लेकर सजगता नहीं दिखाई। इस समय सभी छात्राएं गुजरात, कोलकाता और भोपाल में फंसी हुई है। और इधर उनके माता पिता बहुत परेशान हैं। परिजनों ने बताया कि बच्चों को खाने पीने की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। बच्चियों की तबीयत भी खराब हो रही है।
प्रबंधन ने की लापरवाही की सीमा पार
इस दौरान छात्राओं के परिजनों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर दबाव बनाया। इसके अलावा जिला प्रशासन को भी अवगत कराया। लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मामले को लेकर गंभीरता से विचार नहीं करते हुए लापरवाही का परिचय दिया है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि दरअसल यूनिवर्सिटी प्रबंधन मौकापरस्त व्यवहार कर रहा है। पिछले डेढ़ महीने से प्रशिक्षण खत्म होने के बाद भी छात्राएं लाकडाउन में फंसी है। बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उनकी खोज खबर लेना मुनासिब नहीं समझा है। निश्चित रूप से यह बहुत ही गंभीर प्रकार की लापरवाही है। जबकि विश्वविद्यालय सभी छात्राओं को उच्च स्तर पर प्रयास कर घस ला सकती थी। लेकिन इन्होने ऐसा नहीं किया क्योंकि इन्हें दूसरे की पीड़ा देने में मजा आता है।
विजय ने जताया आक्रोश
केशरवानी ने बताया कि बताने में आक्रोश आता है कि अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. सुधीर शर्मा ने सजगता के नाम पर जिला प्रशासन को सूचना देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। दुख इस बात की है कि विश्वविद्यालय ने यह सूचना 24 अप्रैल को दिया है। इसके बाद प्रबंधन पल्ला झाड़ लिया है। छात्राओं की हालत दिनो दिन बिगड़ती जा रही है। बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रबंधन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 5 साल में लगभग 20 करोड़ो रूपये प्राइवेट स्टूडेंड से विभिन्न मदों के लिए इकठा किया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन 20 करोड़ का व्याज खा रहा है। लेकिन उनमें मानवता का एक अंश भी नहीं है। कुलपति पर नाराजगी जाहिर करते हुए केशरवानी ने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार अधिकारी के माध्यम से राज्य शासन से अनुमति लेकर छात्राओं को घर लाने की व्यवस्था करे। अन्यथा प्रबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
गुजरात मे लाकडाउन में फसी छात्राओं के नाम
विजय ने बताया कि गुजरात में प्रशिक्षण लेने गयी छात्राओं के नाम क्रमशः शीना पॉल,फॅमिया फ़िज़ा, श्वेता पटेल, तृप्ति यादव, गीतांजलि देवांगन, रविराज देवांगन, दिव्या कश्यप , वाचना सोनी है।
कोलकोता और भोपाल में फसे स्टूडेंट
अवंतिका दुबे, कुशग्री दुबे कोलकाला में हाटल मैनेजमेन्ट का प्रशिक्षण लेने गयी है। जबकि भोपाल में रितिक राज का प्रशिक्षण भी डेढ़ महीने पहले खत्म हो चुका है।
जिला अध्यक्ष ने बताया कि आज मदर डे है। सिर्फ प्रबंधन की लापरवाही के कारण सभी बेटियां अपनी मां से मीलो दूर खून की आँसू रो रही है। जबकि उन्हें विश्वविदियालय प्रबंधन उच्च स्तरीय प्रयास से घर वापस ला सकता था। लेकिन प्रबंधन को ब्याज का धन खाने की आदत हो हो गयी है। इसलिए हर समय फण्ड का रोना रोते है।