काम काज राजभाषा हिंदी में हो-महाप्रबंधक

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1बिलासपुर। महाप्रबंधक सत्येन्द्र कुमार की अध्यक्षता में क्षे़त्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 39वीं बैठक जोनल सभा कक्ष में आयोजित हुई। इस अवसर पर सभी विभाग प्रमुख तथा मंडलों एवं कारखानों के वरिष्ठ अधिकारीगण राजभाषा प्रगति की चर्चा के लिए उपस्थित हुए। बैठक में रेल यात्रा वृतांत पुरस्कार योजना के अंतर्गत रेल मंत्री द्वारा पुरस्कृत बिलासपुर के वरिष्ठ नागरिक शीतल प्रसाद पाटनवार को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। साथ ही, जोनल कार्यालय में आयोजित क्षेत्रीय स्तर की हिंदी निबंध, वाक् तथा टिप्पण – आलेखन प्रतियोगिताओं के कुल 18 विजेताओं को भी महाप्रबंधक के करकमलों से पुरस्कृत किया गया। इस बैठक का मुख्य आकर्षण रहा- जोनल हिंदी पत्रिका ‘‘प्रगति पथ‘‘ के 11 वें अंक का महाप्रबंधक द्वारा विमोचन।इस पत्रिका में प्रकाशित साहित्यिक सामग्री एवं द.पू.म.रेलवे की उपलब्धि संबंधी विभिन्न जानकारी की सभी ने सराहना की।

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                           बैठक का प्रारंभ मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं मुख्य विद्युत इंजीनियर मधुकर मेश्राम ने अपने स्वागत भाषण से किया। उन्होंने अपने संबोधन में राजभाषा प्रगति की सार्थक वृद्धि की बात करते हुए कहा कि प्रत्येक तिमाही में राजभाषा संबंधी हरेक मद में लगातार वास्तविक प्रगति दिखाई देनी चाहिए। बैठक में कार्यसूची की प्रस्तुति वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी विक्रम सिंह ने की तथा सभी सदस्यों से अधिकाधिक कार्य करने का अनुरोध किया। 

                          महाप्रबंधक ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि फाटक संचालन नियम, स्टेशन संचालन नियम आदि का द्विभाषीकरण सुनिश्चित कर लिया जाए। जो भी कार्य किए जा रहे हों उन्हें सही रूप में प्रदर्शित किए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी में कार्य करने में विद्युत, चिकित्सा, यांत्रिक, एसएंडटी, आदि तकनीकी विभागों में कठिनाई होती है, प्रायः डाक में उनके अंग्रेजी पत्र पाए जाते हैं। ससंदीय समिति इसे देखती है, अतः यदि अनुपालन में कठिनाई हो तो ऐसे दस्तावेजों को अनुवाद करवाकर कार्य कराएं। गूगल ट्रांसलेट आदि के जरिए इस कार्य को आसानी से किया जा सकता है। अंग्रेजी के शब्दों को देवनागरी लिपि में लिखकर राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ा सकते हैं। यह ‘क’ क्षेत्र है, इसलिये हमें अधिकाधिक काम राजभाषा हिंदी में करना चाहिए। उन्होंने सदस्यों को सुझाव दिया कि विभिन्न पत्रों, प्रारूपों, शब्दावाली आदि के टेम्पलेट हिंदी में बनाएं और उनका प्रयोग करें, लिपिकों एवं हिंदी आशुलिपिकों का उपयोग करें – इससे हिंदी कार्य के प्रतिशत में वृद्धि होगी। अंत में उन्होंने राजभाषा सप्ताह व विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन तथा हिंदी पत्रिका के प्रकाशन के लिए राजभाषा टीम को बधाई दी।

                          बैठक के अंत में राजभाषा अधिकारी दीपक शंखवार ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजभाषा विभाग के पी.एल.जाटवर, निकेश कुमार पाण्डेय, पी.के.गवेल, सुजश कुमार शर्मा, प्रमोद कुमार तथा सावन सिंह कंवर ने सक्रिय सहयोग दिया।

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