बिलासपुर-प्रदेश में करोना का कहर चरम में है राज्य शासन इसे नियंत्रित करने के लिए समस्त शैक्षिक संस्थान को बन्द कर दिया है पर शिक्षकों को बिना काम के स्कूलों में उपस्थित रहने के सरकारी फरमान से इनकी जान आफत में आ गया है कारण मात्र उपस्थिति दिखने के लिए शिक्षक अपने निवास से यात्रा करके स्कूल जा रहे हैं और संक्रमण का शिकार हो रहे है। सहायक शिक्षक नेता और टीचर्स राइट्स लीगल सेल के प्रदेश संयोजक शिव सारथी का कहना है कि पिछले कुछ समय का आंकड़ा देखे तो प्रदेश के शिक्षक लगातार विश्व महामारी करोना का शिकार हो रहे है और बड़ी संख्या में उनकी मौत तक हो रही है.CLICK HERE TO JOIN OUR TELEGRAM NEWS GROUP
ऐसे में शासन को चाहिए कि रोटेशन के आधार पर स्कूल बुलाए या फिर वर्क फॉर होम के आधार पर ही काम लिया जाए .बिना कारण के शिक्षको को स्कूल बुलाना और उन्हें बीमार करवाना अव्यवहारिक है ऐसा नहीं है कि शिक्षक कार्य नहीं कर रहे बल्कि शिक्षक ही ऐसे कर्मचारी है जो आज इस भयंकर संकट के समय में मेडिकली अंड्रेंड होते हुए भी बिना संसाधन और रिस्क कवर के करोना ट्रेसिंग,टेस्टिंग से लेकर वैक्सीनेशन, यहां तक कि सीमा में बेरियल ड्यूटी आइसोलेशन ड्यूटी सभी कुछ कुशलता से कर रहे हैं ऐसे में शासन द्वारा बिना काम के शिक्षकों को मुसीबत में डालना उचित नहीं है।इसलिए बिना काम के बेवजह स्कूल में मात्र उपस्तिथि दिखाने कि रश्म अदायगी के बजाय घर से काम करने का आदेश जारी किया जाए।