सड़क पर झाडू लगाने वाली आशा कंडारे औरतों के लिए बनी मिसाल,पास की RAS की परीक्षा

Shri Mi
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हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, ये बात जोधपुर की आशा कंडारा पर बिल्कुल सही साबित होती है. राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS exam) में सफाईकर्मी आशा कंडारा ने कमाल कर दिया है. आशा अब आरएएस अफसर बन गई हैं. आशा की कहानी कई महिलाओं के लिए एक मिसाल है. आशा के पिता राजेंद्र कंडारा लेखा सेवा से रिटायर हो चुके हैं. आशा आरएएस अफसर बने से पहले झाडू लगाने का काम करती थी.

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शादी के 5 साल बाद हो गया था आशा का तलाक

आशा की शादी 1997 में हुई थी. इनके एक बेटा ऋषभ और एक बेटी पल्लवी है. शादी के पांच साल बाद घरेलू झगड़ों के चलते आशा का तालाक हो गया था. इसके बाद भी आशा ने हिम्मत नहीं हारी और अपने दोनों बच्चों की परवरिश के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखी.

2016 में की ग्रेजुएशन

आशा ने साल 2016 में स्नातक की डिग्री पूरी की थी. इसके बाद आशा ने 2018 में आरएएस की परीक्षा और फिर सफाई कर्मचारी भर्ती परीक्षा का एग्जाम दिया. उस समय आरएएस का रिजल्ट नहीं आया था. आरएएस एग्जाम के 12 दिन बाद ही आशा को सफाई कर्मचारी पद पर नियुक्ति मिल गई थी.

दो साल तक लगाई झाड़ू

जोधपुर के उत्तर न​गर में बतौर सफाईकर्मी आशा ने दो साल तक सड़कों पर झाड़ू लगाई. आशा शहर के पावटा की मुख्य सड़क पर सफाई के लिए बनाई गई सफाई गैंग में शामिल थी और पावटा की सड़कों पर झाडू लगाती थी.

पति से अनबन के बाद संभाली दो बच्चों की जिम्मेदारी

बता दें कि पति से विवाद के बाद आशा ने दोनों बच्चों की कस्टडी अपने पास रख ली थीं और अकेले अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारी निभाना थोड़ा मुश्किल जरूर था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारीं और संघर्ष करने लगी. कुछ दिन बाद उनकी मेहनत रंग लाई और आरएएस परीक्षा पास कर सफलता का परचम लहरा दिया.अब मंगलवार रात को राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर ने आरएएस परीक्षा 2018 का रिजल्ट जारी किया है, जिसमें आशा को 700 से अधिक रैंक मिली है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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