संजय गांधी के कार्यों को किया याद

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160623-WA0271बिलासपुर—कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों ने संजय गांधी को पुण्यतिथि पर याद किया। श्रद्धा सुमन भेंट कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला।कांग्रेसियों ने संजय गांधी को भारतीय लोकतंत्र का धूमकेतु बताया।

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                                      आज कांग्रेसियों ने संजय गांधी को याद किया । कांग्रेस नेताओं ने जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संजय गांधी भारतीय राजनीति में 70 के दशक में धुमकेतु की तरह उदय हुए। युवा तुर्क अग्र सोच के संवाहक और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वितीय पुत्र थे। जिला शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर ने बताया कि संजय गांधी दूरदर्शी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने पांच सूत्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया। वह आज भी और भविष्य में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना की 70 के दशक में था। उनके पांच सूत्रीय कार्यक्रम का जनता पार्टी सरकार ने अपने निजी स्वार्थ के चलते किया। यदि ऐसा कुछ नहीं होता तो आज समाज ही नहीं राष्ट्र भी खुशहाल होता।

                                 वरिष्ठ कांग्रेसी हरीश तिवारी ने कहा कि अल्पायु में संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत हो गयी। उनके नेतृत्व में युवा कांग्रेस में काम करने का मौका मिला। पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी ने कहा कि संजय गांधी कम समय में अधिक उपलब्धि प्राप्त करने वाले नेताओं में से एक हैं। आज भारत में आवागमन सुगम और सरल है…इसका श्रेय संजय गांधी को ही जाता है। मारूति कार की स्थापना गुड़गांव में की। आज तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी फोर व्हीलर में सवारी करता है।

                        महिला कांग्रेस नेत्री संजय तिवारी ने कहा कि संजय गांधी की नशामुक्ति तत्कालीन समय में लागू हो जाता तो आज महिलाओं को लाठी और डण्डा लेकर गांव-गांव पहरा घूमने की जरूरत नहीं होती। दुर्भाग्य है कि प्रदेश की जनता आज नशे में झूम रही है। जब समाज नशा में चूर रहेगा तो आने वाली पीढ़ी और देश का भविष्य क्या होगा?

                         इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी चंद्र प्रकाश देवरस, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भुवनेश्वर यादव, जयश्री शुक्ला, पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल, चंद्रप्रदीप बाजपेयी, अनिल सिंह चैहान, चंद्रहास शर्मा, गणेश रजक, व ऋषि पाण्डेय ने संबोधित किया। इस अवसर पर उपस्थित थे राम शरण यादव, शिवा मिश्रा, सुभाष ठाकुर, मनोज शर्मा, माधव चिन्तामन ओत्तलवार, विनोद शर्मा, हफीज कुरैशी, रामदुलारे रजक, श्री त्रिभूवन लाल कश्यप, मंजू त्रिपाठी, अफरोज खान, करम गोरख, प्रेमदास मानिकपुरी, धर्मेन्द्र शुक्ला, कुशाल वाधवानी, राकेश सोनी, विष्णु कौसल, सुजीत मिश्रा, विरेन्द्र सारथी, मनोज शुक्ला, उमेश कश्यप उपस्थित थे।

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