बिलासपुर। स्टाइपेंड के मुद्दे पर हाईकोर्ट से नवनियुक्त शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। स्टाइपेंड के मुद्दे पर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई पूरी हो चुकी थी, जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। आज इस मामले में फैसला सुनाया गया, जिसमें यह कहा गया कि राज्य सरकार का स्टाइपेंड के मुद्दे पर फैसला सही है।
इसमें किसी भी तरह के नियम और धाराओं का उल्लंघन नहीं किया गया है। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता परवेज अली ने चयन के बाद विज्ञापन के नियमों में परिवर्तन और कहीं 100% तो कही स्टाइपेंड देकर समानता के अधिकार का हनन किये जाने को लेकर याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने अपने फैसले में बताया है कि स्टाइपेंड के मुद्दे पर अनुच्छेद 309 एवं 14 का कोई उल्लंघन नही हुआ है। हालाकि अभी विस्तृत जानकारी ऑर्डर कॉपी अपलोड होने के बाद पता चलेगा ।
मीडिया रिपोर्ट अनुसार प्रदेश में 14580 व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इस भर्ती की विज्ञापन शर्तों में 2 साल की परीविक्षा अवधि के साथ वेतनमान देने का उल्लेख था। विज्ञापन के आधार पर साल 2020 जुलाई अगस्त में प्रदेश भर में शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी। अक्टूबर में रिजल्ट आया, लेकिन पदस्थापना के पूर्व ही कोविड ने दस्तक दे दी, जिसके बाद पोस्टिंग की प्रक्रिया रूक गयी।