डबरीपारावासियों ने किया तोड़फोड़ का वरोध

BHASKAR MISHRA
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IMG20160821134851बिलासपुर–कांग्रेस पार्टी ने डबरीपारा स्थित मकान के तोड़फोड़ के फरमान का विरोध किया है। आज भारी संख्या में डबरीपारा की महिलाएं कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर पार्टी नेताओं से सहयोग मांगा है। कांग्रेस ने भी महिलाओं का समर्थन करते हुए निगम प्रशासन के तुगलकी फरमान का विरोध किया है। कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों के अनुसार डबरीपारा स्थित सभी मकान शासन से मिले स्थायी पट्टे पर बनाये गये है। बावजूद इसके प्रशासन ने बेदखली का फरमान जारी किया है। नागरिकों के हित में कांग्रेस पार्टी नगर प्रशासन के फरमान का विरोध करती है।

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                             भारी संख्या में आज कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर डबरीपारा की महिलाओं ने कांग्रेस नेताओं से सहयोग मांगा है। महिलाओं ने बताया कि जिन्दगी भर की जमापूंजी से उन्होने अपना घर बनाया। महिलाओं के अनुसार डबरीपारा में तीस साल से घर बनाकर निवास कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह सरकार के समय उन्हें स्थायी पट्टा भी दिया गया है। वहां सारी सुविधाएं हैं। बावजूद इसके प्रशासन उनके घरों को तोड़ने का फरमान जारी किया है। जिसे हम किसी भी सूरत में होने नहीं देंगे। महिलाओं ने बताया कि हमें अटल आवास नहीं बल्कि अपना घर चाहते हैं।

      कांग्रेस नेता पीसीसी महामंत्री ने बताया कि डबरीपारावासियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। 1980 से लोग झुग्गी बनाकर लोग निवास कर रहे हैं। बाद में दिग्विजय सरकार ने राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत झुग्गीवासियों को स्थायी पट्टा दिया है। पट्टे की जमीन पर लोगोंं ने अपना पेट काटकर सपनों का घर बनाया। लाखों रूपए खर्चकर सुख सुविधाओं को इकठ्ठा किया। अब सरकार उन्हें बेजाकब्जा और झुग्गी झोपड़ी मानकर तोड़ना चाहती है। अटल ने बताया कि शहर में सबसे पहले हेलोजन लाइट डबरीपारा में ही लगाया गया था। आज डबरीपारा में अस्सी प्रतिशत से अधिक लोगों के पास पक्के मकान है। ज्यादतर मकान दो तीन मंजिला है। विकसित कालोनी है। सरकार मकान तोड़कर स्थानीय निवासियों को अटल आवास में शिफ्ट करना चाहती है। यह जानते हुए भी अटल आवास काफी जर्जर हो चुके हैं।

                      निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन ने बताया कि बसी बसायी सर्वसुविधायुक्त कालोनी तोड़ने की जरूरत नहीं है। लोग अपनी गाढ़ी कमाई से मकान बनवाया है। निगम प्रशासन बिजली बिल से लेकर पानी टैक्स वसूलता है बाजवजूद इसके डबरीपारा को अवैध बसाहट कहना गलत होगा। डबरीपारा में पक्की सड़के हैं। सिवरेज का काम किया गया है। लोग तीन पीढ़ी से निवास कर रहे हैं। डबरीपारा को झुग्गी कहना अनुचित होगा। आज कांग्रेस नेता बैठकर बातचीत के बाद निगम प्रशासन के तुगलकी फरमान का विरोध करने का निश्चय किया है। हम डबरीपारा कालोनी को उजडने नहीं देंगे।

        कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि डबरीपारा में 650 पक्के मकान है। सभी मकान सर्वसुविधायुक्त हैं। शासन ने सोमवार को 77 मकान गिराने का फैसला किया है। इसके बाद बारी बारी से मकानों को जमीदोज किया जाएगा। सभी को अटल आवास में शिफ्ट करने को कहा जा रहा है। समझ में नहीं आ रहा है कि जब लोगों के पास पक्का मकान है तो तोड़ने की जरूरत क्या है। शैलेन्द्र ने बताया कि डबरीपारा वालों को तात्कालीन मध्यप्रदेश दिग्विजय सरकार ने स्थायी पट्टा देकर लोगों को खानाबदोश जिन्दगी से राहत दी थी। पट्टे के शर्त के अनुसार आपात स्थिति या बहुत जरूरत पड़ने पर ही लोगों को जमीन से हटाया जा सकता है। भाजपा सरकार को बताना होगा कि आखिर कौन सी जरूरत पड़ गयी कि बसी बसायी कालोनी को उजाड़ा जा रहा है।

                                          कांग्रेस नेता रामशरण यादव ने बताया कि निगम प्रशासन के फरमान का हम विरोध करते हैं। सभी कांग्रेस नेता मिलकर विरोध की रणनीति तय करेंगे। जिससे गरीबों को न्याय मिल सके।

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