रायपुर। छत्तीसगढ़ की अस्मिता की बुलंद आवाज शहीद वीर नारायण सिंह ने आजादी के लिए क्रांति की जो अलख जगाई थी उससे अंग्रेजी हुकुमत भी हिल गया था। आज ही के दिन 10 दिसम्बर 1857 को अंग्रेजों ने उन्हें मृत्युदंड की सजा दी थी। शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस 10 दिसम्बर को है। इस मौके पर भाजपा प्र्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सोनाखान के इस सपूत ने हम छत्तीसगढिय़ों की अस्मिता की लड़ाई अपने प्राणों का बलिदान दिया। महान वीर सपूत शहीद वीर नारायण सिंह के सपनों के छत्तीसगढ़ को गढ़ कर हमें निरंतर आगे बढऩा होगा, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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