♦4 फरवरी को वार्षिक खेल उत्सव के समापन में शामिल होंगें आॅलराउण्डर क्रिकेटर
♦खिलाड़ी, खेलप्रेमी व विद्यार्थी उत्सव से लबरेज
बिलासपुर(करगीरोड)।डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के वार्षिक खेल उत्सव के समापन अवसर पर भारत को क्रिकेट में पहला विश्व कप दिलाने वाले क्रिकेटर कपिल देव शिरकत करने आ रहे हैं। वे विद्यार्थियों को क्रिकेट के गुरू सीखाएंगे। 4 फरवरी को विश्वविद्यालय में कपिल देव खेल उत्सव में विजयी टीम और खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी करेंगे। 31 जनवरी से सीवीआरयू में वार्षिक खेल उत्सव का आगाज हुआ है। जिसमें विभिन्न प्रकार के एकल और सामूहिक खेल में सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया है। सीवीआरयू में कपिल के आगमन की तैयारी जोरो पर है और विद्यार्थी क्रिकेट के स्टार को अपने बीच पाने उत्साह से लबरेज हैं।
31 जनवरी को डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में खेल उत्सव का शुभारंभ हुआ है। 4 फरवरी तक चलने वाले इस खेल महाकुंभ में सैकड़ो विद्यार्थी भाग ले रहे है, इस वार्षिक खेल उत्सव में सभी विभागों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। जिसमें प्रतिदिन विभिन्न प्रतियोगिताऐं हो रही है। खेल उत्सव के आगाज के बाद क्रिकेट, बाॅलीवाल, कबड्डी, खोखो, बैडमिंटन, ल्ंाबी कूद, उंची कूद, भाला फेंक, गोला फेंक, तवा फेंक, कैरम, शतरंज सहित कई खेल हो रहे है। एकल और समूह खेलों में विश्वविद्यालय के सैकड़ों विद्याथियों ने हिस्सा लिया हैं। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने और हौसला बढ़ाने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं विश्व के दिग्गज आॅलराउण्डर क्रिकेट खिलाडी कपिल देव वार्षिक खेल उत्सव में शामिल होंगें। वे इस अवसर पर सभी विजयी टीमों और खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगें। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए करने के लिए डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय हमेशा प्रयासरत् रहता है। इसके लिए समय समय पर आयोजित कार्यक्रम में आॅइकाॅन को आंमंत्रित किया जाता है। ताकि विद्यार्थी ऐसे व्यक्तित्व से प्रेरणा ले सके। इसके पहले युवा उपन्यास कार चेतन भगत और मोटीवेशनल स्पीकर डाॅ. उज्जवल पाटनी जैसे व्यक्तित्व का आगमन सीवीआरयू में हो चुका है।
अद्भूत कला के धनी हैं कपिल-कुलसचिव
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि क्रिकेट में बल्लेबाज और बाॅलर का सबसे अधिक महत्व होता है, लेकिन इससे भी अधिक महत्व उस खिलाड़ी का हो जाता है जो इन दोनों कला में महाराथ हासिल कर लेता है वह आॅलराउडर खिलाड़ी कहलाता है। उसकी उपयोगिता टीम में सबसे अधिक होती है।इसी अद्भूत कला के धनी कपिल देव दुनिया के सबसे सर्वोतम आॅलराउडर खिलाड़ियो में से एक हैं।हर्ष की बात है कि हमारे विश्वविद्यालय में उनका आगमन हो रहा है। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेना चाहिए विद्यार्थी ऐसे खिलाड़ी से रूबरू होकर कुछ सीख सकें यही विश्वविद्यालय की मंशा है।
भारत में क्रिकेट को पहचान दिलाई कपिल ने-कुलपति
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. दुबे ने बताया कि कपिल उस दौर के खिलाड़ी हैं जब क्रिकेट भारत में उतना लोकप्रिय नहीं था, जितना की आज है। कपिल देव का ही कुशल नेतृत्व था कि भारत ने विश्व कप उस समय जीता जब टीम को सबसे कमजोर आंका जा रहा है। उस वल्र्ड कप के बाद ही भारत को विश्व जगत में क्रिकेट के लिए उच्चतम पहचान मिली। इसके बाद आज भारतीय क्रिकेट टिम विश्व विजेता के रूप में स्थापित है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए यह सीखने का अवसर है।
युवाओं की प्रेरणा है कपिल-केशरवानी
बिलासपुर क्रिकेट एसोसिशन के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि कपिल देव विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्विंग बाॅलर और आक्रामक बल्लेबाज थे। अपने इस विलक्षण प्रतिभा के कारण ही उन्होंने कई मैच अपने बल्लेबाजी से जिताए और कई मैचों में विकेट लेकर जीत हासिल की। कपिल देव के क्रिकेट में पर्दापरण के बाद ही भारत में फास्ट बालिंग का दौर शुरू हुआ। आज के युवा खिलाड़ियों यह अनुभव लेना चाहिए।
भारत के सर्वोत्तम कपतानों में से एक-विनोद
कपिल देव की टीम मैनेजमेंट की क्षमता कमाल की है। इसी का परिणाम है कि भारतीय टीम ने 1983 में एकजुट होकर वल्र्ड कप खेला और जीता। इसके बाद 1985 में भारत ने इंग्लैड को हराया। जो कि इंग्लैड की धरती पर पहली सीरीज की जीत थी।
इनको करेंगे पुरस्कृत
डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में 3 दिनों तक खेल का महाकुंभ चल रहा हैं। इसमें सभी विभागों के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। कपिल देव क्रिकेट, बाॅलीवाल, कबड्डी, खोखो, बैडमिंटन, ल्ंाबी कूद, उंची कूद, भाला फेंक,गोला फेंक, तवा फेंक,कैरम, शतरंज, सहित सभी खेलो के विजयी खिलाड़ियों को पुरूस्कृत करेंगें। पहले दिन से ही कैंपस में डोल ताशे की आवाज और युवाओं को उत्साह देखते ही बन रहा है।