बिलासपुर— मायके से भाई के साथ ससुराल लौट रही महिला की सरवानी में ट्रैक्टर से दबकर मौत हो गयी। मृतक महिला का नाम बेगम बाई पाटले है। महिला तीज नहावन करने सरगांव से खुडियाडीह एक दिन पहले आयी थी। बेगम बाई पाटले का मायका खुडियाडीह में है। घटना के समय भाई अपनी बहन बेगम बाई को दोपहर से पहले मोटरसायकल से सरगांव ले जा रहा था।
पुलिस जानकारी के अनुसार सरगांव निवासी बेगम बाई पाटले एक दिन पहले तीज नहावन में अपने मायके खुडीयाडी आई थी। आज दोपहर से पहले अपने भाई के साथ मोटर सायकल CG-10-AD-3428 से ससुराल लौट रही थी। मोटरसायकल बेगम पाटले का भाई मलखम बारमते चला रहा था। सरवानी के पास पीछे से ईट से भरे ट्रैक्टर ने ठोकर मार दिया। ठोकर इतना जबरदस्त था कि मोटर सायकल में पीछे बैठी बेगम भाई उछलकर ट्रैक्टर के नीचे आ गयी। घटना के बाद चालक ट्रैक्टर छो़ड़कर फरार हो गया।
पहिया के नीचे आने से बेगम बाई का सिर बुरी तरह से कुचल गया। उसने मौके पर ही दम तोड़ दी। मोटरसायकल चला रहे मलखाम बारमते को गंभीर चोट पहुंची है। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ग्रामीणों ने किया चक्कजाम
घटना के बाद सरवानी के ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गयी। करीब तीन चार घंटे तक चक्काजाम खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क छोड़ने से इंकार कर दिया। मौके पर बिल्हा तहसीलदार अमित गुप्ता भी पहुंचे। उन्होने शासन की तरह से मुआवजे का तत्काल भुगतान करने को कहा। बावजूद इसके ग्रामीणों ने मुआवजा लेने से इंकार करते हुए आरोपी को गिरफ्तारी पर डटे रहे। नाराज परिजन शव के पास छाता लगाकर धरने पर बैठ गये।
ट्रैक्टर चालक गिरफ्तारी की मांग
ग्रामीणों के आक्रोश के मद्देनजर आस पास के थानों से पुलिस जवानों को बुलाया गया। इस बीच बिल्हा,सरगांव और हिर्री पुलिस ने ग्रामीणों ओर परिजनों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए । परिजन और ग्रामीण ट्रैकर चालक को गिरफ्तार करने की मांग पर डटे रहे। स्थानीय पुलिस ने आरोपी ट्रैक्टर चालक को पकड़ने का आश्वासन दी। बावजूद इसके ग्रामीणों ने कहा जब तक गिऱफ्तारी नहीं होती है…बेगम बाई पाटले के शव को नहीं उठाने देंगे।
प्रशासन में तनाव..पुलिस को छूटा पसीना
महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। जिसके रास्ता जाम हो गया। ग्रामीणओं के आक्रोश और सड़क जाम होने से प्रशासन में भारी तनाव दखने को मिला। ग्रामीणों को मनाने में पुलिस को भारी पसीना बहाना पड़ा। तहसीलदार अमित गुप्ता ने आक्रोशित ग्रामीणों को मनाने और मुआवजा देने का बार बार प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों ने मानने से साफ इंंकार कर दिया। लगातार भीड़ जुटने से पुलिस को भी पसीना छूटने लगा। मामले को नियंत्रित करने आस पास के थानों से पुलिस को बुलाया पड़ा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस प्रकार के हादसे पहले भी हो चुके हैं। आरोपी को मिलीभगत कर बचा लिया जाता है। जब तक आरोपी ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार नहीं किया जाता है। चक्काजाम आंदोलन को खत्म नहीं किया जाएगा। करीब तीन चार घंटे बाद ग्रामीणों को किसी तरह आरोपी की गिरफ्तारी के शर्त और आश्वासन पर मनाया गया।