तखतपुर के रावण भाठा में लगेगा मेला,75 साल पहले बनाई गई थी मूर्ति

Shri Mi
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तखतपुर(टेकचंद कारड़ा)।नगर के रावण भाठा में आज भी रावण की हर रोज पूजा होती है.यहां भगवान राम माता सीता लक्ष्मण और भगवान राम के साथ हनुमान  भी विराजमान है। लगभग 75 साल पहले स्व. दुर्गा प्रसाद गुप्ता  द्वारा बनायी गयी इन प्रतिमाओं में हर वर्ष पूजा अर्चना होती है. और दशहरे के दिन यहां प्रतिवर्ष भव्य मेला लगता है.और वैश्य समाज द्वारा रावण की पुतला बनाकर विधिविधान के साथ असत्य पर सत्य की जीत का पर्व मनाया जाता है। यहां रावण दहन के बाद पूरे शहर में रावण दहन करने की परंपरा है।

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बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में माने जाने वाले दशहरा पर्व पर देश में रावण को याद किया जाता है पर तखतपुर एक ऐसा शहर है.

जहां एक क्षेत्र का नाम रावण भाठा है और बकायदा भगवान राम माता सीता लक्ष्मण और हनुमान के साथ रावण की भी प्रतिमा विराजमान है। रावण और भगवान की बनी मूर्तियां दोनों आमने सामने इस तरह बनायी गई है जिसमें रावण और राम के युद्ध को दिखाया गया है। हर दिन यहां पूजें जाने वाले भगवान श्रीराम के साथ पूजा करने वाला व्यक्ति रावण की भी पूजा करते है यहां पहला शहर है जहां श्रद्धा के साथ प्रतिदिन राम के साथ रावण की भी पूजा होती है।

पुरातत्व विभाग के द्वारा यहां संरक्षित शिव जी का भी विशाल मंदिर है.तख्तेश्वर महादेव के नाम से पहचान बना चुके इस मंदिर के नीचे ऐसा बताया जाता है कि मंदिर के नीचे से मां महामाया रतनपुर तक एक सुरंग थी.जिसमें तखतपुर के राजा तख्तेश्वर सिंह रतनपुर पूजा अर्चना के लिए सुंरग मार्ग से जाया करते थे।

आज भी आसपास क्षेत्र की जब भी खोदाई जी जाती है तब मंदिर प्रांगण में खोदाई के दौरान पुराने बर्तन, औजार, श्रृंगार सासाग्री उपयोगी सामान निकलते है। तख्तेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 25 फीट की शिव जी की विशाल प्रतिमा भी इसी रावण भाठा स्थल पर है।

जहां श्रद्धा से लोग पूरे श्रावण के मास में और शिवराात्रि पर यहां पर लगने वाले मेले के दौरान भी रावण की प्रतिमा पूजी जाती है। यहीं पर कु छ देर पर स्थित मां किलावाली चण्डी मंदिर भी काफी ख्याति प्राप्त है।

प्रतिवर्ष दशहरे के दिन इस रावण भाठा स्थल पर गुप्ता सामाज द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम रखा जाता है समाज के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने बताया कि स्व. दुर्गा प्रसाद गुप्ता द्वारा रावण भाठा स्थल पर क्षेत्र के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ख्याल में रखते हुए रावण भाठा परिसर में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान  के साथ रावण की प्रतिमा बनवाई गई थी जिसकी पूजा समय समय पर जब कभी वहां पर कोई आयोजन होता है तो गुप्ता समाज द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. और दशहरे के दिन भगवान राम के साथ रावण की भी पूजा अर्चना की जाती है रावण भाठा परिसर में बने रावण की प्रतिमा की पूजा अर्चना आसपास के जब लोग तख्तेश्वर महादेव चण्डी मंदिर और राम जी की पूजा करने आते है.

तब रावण की भी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की जाती है और वैसे भी संसार में मन की रावण को मारने की बात इस प्रतिमा के माध्यम से समाज को संदेश दिया जाता है। स्व.दुर्गा प्रसाद जी द्वारा मंदिर परिसर में लगभग सन 1961 में रावण और भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की थी।

इस वर्ष भी दशहरे पर्व पर वैश्य गुप्ता समाज द्वारा दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन करने का आयोजन रखा है जिसकी तैयारीयों के लिए वहां पर विराजित प्रतिमाओं का रंग रोगन किया जा रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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