निकाय चुनावः पहले दिन 52 आवेदन खरीदे गए…किसी ने नहीं किया जमा..दिग्गजों समेत दिव्यांग और पुजारी ने खरीदा फार्म

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

बिलासपुर— निकाय चुनाव के लिए नामांकन आवेदन खरीदने और दाखिल करने की अंतिम तारीख 6 दिसम्बर है। चुनाव आयोग के निर्देश पर नामांकन फार्म 30 नवम्बर से विक्री किया जाना है। शनिवार को पहले दिन 53 अभ्यर्थियों ने नामांकन फार्म खरीदा। लेकिन नामांकन फार्म किसी ने भी दाखिल नहीं किया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                             30 नवम्बर से नामांकन आवेदन मिलना शुरू हो गया है। नामांकन आवेदन गेट खुलने के पहले कुल 52 लोगों ने आवेदन खरीदा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और निगम सभापति अशोक विधानी ने सबसे पहले फार्म खरीदा। धीरे धीरे काउंटर बन्द होने तक चार दर्जन से अधिक लोगों ने नामांकन फार्म खरिदा।

                 पहले दिन नामांकन खरीदने वालों में प्रमुख रूप से निगम सभापति अशोक विधानी, कांग्रेस सैय्यद निहाल , कांग्रेस नेता राजेश शुक्ला, कांग्रेस नेता विनय, मनहरण कौशिक, जसबीर गुम्बर, सुनीता शर्मा, समेत दर्जनों कांग्रेसी और भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं। पहले दिन नामांकन फार्म खरीदने वालों में पहली बार निगम क्षेत्र में शामिल ग्रामीण क्षेत्र के नेता नजर आए।

 

पांच हजार सिक्का लेकर पहुंचा अभ्यर्थी

          वार्ड क्रमांक 14 से चुनाव लड़ने की इच्छा लेकर एक अभ्यर्थी पांच हजार रूपए सिक्के के रूप में लेकर पहुंचा। अभ्यर्थी ने अपना नाम निलेश मिश्रा ने बताया। उसने जानकारी दी कि वह मंदिर का पुजारी है। उसने अधिकार पार्टी का गठन किया है। चुनाव लड़ने की मुख्य वजह दोनों पार्टियां ठीक नहीं है। निलेश मिश्रा ने जानकारी दी कि एक रूपए से लेकर दस रूपयो का सिक्का लेकर आया है। 

आंख नहीं…लेकिन चुनाव लड़ने का किया दावा

                 मंथन भवन के सामने दो डंडे का सहारा लेकर विपिन पाटनवार पहुंचा। विपिन ने बताया कि वह देख नहीं सकता है। पढ़ा लिखा है। पुरी तरह से असक्त हूं। लेकिन चुनाव लड़ना चाहता हूं। उसने बताया कि मुझे किसी से शिकायत नहीं है। लेकिन कोई तरस खाता है तो ठीक नहीं लगता है। संविधान ने अधिकार दिया है इसलिए आवेदन लेने आया हूं। किसी से भरवाने के बाद जमा करूंगा। विपिन ने जाकारी दी कि दिव्यांगों को आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है।

मंथन भवन के सामने दो डंडे का सहारा लेकर विपिन पाटनवार पहुंचा। विपिन ने बताया कि वह देख नहीं सकता है। पढ़ा लिखा है। पुरी तरह से असक्त हूं। लेकिन चुनाव लड़ना चाहता हूं। उसने बताया कि मुझे किसी से शिकायत नहीं है। लेकिन कोई तरस खाता है तो ठीक नहीं लगता है।

विपिन ने बताया कि संविधान ने अधिकार दिया है इसलिए आवेदन लेने आया हूं। किसी से भरवाने के बाद जमा करूंगा। विपिन ने जाकारी दी कि दिव्यांगों को आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है।

close