तख़तपुरः टीकाकरण में बड़ी लापरवाही उज़ागर, कोविशील्ड लगाकर कोवैक्सीन लिख दिया… देखिए – नेता प्रतिपक्ष ने शिकायत की तो गरीबों से राशन कार्ड वापस मंगाकर कैसे की गई काट-पीट

Chief Editor
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बिलासपुर। कोरोना टीकाकरण के दौरान तखतपुर में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां लोगों कोविशिल्ड का टीका लगाया गया ।लेकिन उनके राशन कार्ड में कोवैक्सीन दर्ज कर दिया गया। यह लापरवाही बीपीएल राशन कार्ड धारी गरीबों के साथ हुई है। जो जागरूक भी नहीं हैं और उनके पास सुविधाएं भी नहीं हैं। यह लापरवाही तख़तपुर नगर पालिका परिषद के पार्षद और नेता प्रतिपक्ष ईश्वर देवांगन में उजागर की। जिसके बाद जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन ने तखतपुर का दौरा किया और हकीकत भी उनके सामने आई। गंभीर लापरवाही पकड़ में आने के बाद जिम्मेदार विभाग ने तमाम लोगों से राशन कार्ड मंगा कर उसमें  कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड दर्ज किया है। मेडिकल स्पेशलिस्ट यह मानते हैं कि इस तरह की गंभीर लापरवाही अगर दूसरे ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो रही होगी तो इससे लोगों को नुकसान हो सकता है।

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इन दिनों कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चल रहा है। सरकारी अमला कई जगह वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर लोगों को टीका लगा रहा है। छत्तीसगढ़ में एपीएल ,बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारियों को टीके लगाए जा रहे हैं। इस अभियान में सावधानी बरती जा रही है। लेकिन इस बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं ,जिन्हें गंभीर लापरवाही के दर्जे में गिना जा सकता है। ऐसी ही लापरवाही पिछले दिनों तखतपुर तहसील मुख्यालय में देखने को मिली। जहां तखतपुर मंडी चौक स्थित पुराना कन्या शाला में बीपीएल कार्ड धारियों कोविशिल्ड का टीका लगाया गया है। लेकिन इन बीपीएल कार्डधारियों के राशन कार्ड पर कोवैक्सीन दर्ज कर दिया गया। टीकाकरण केंद्र की व्यवस्था देखने पहुंचे तखतपुर नगर पालिका के पार्षद और नेता प्रतिपक्ष ईश्वर देवांगन की नजर में यह बात आई। ईश्वर देवांगन जिला योजना समिति के सदस्य हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा बिलासपुर जिला इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं।

उन्होंने इंसीडेंट कमांडर और एसडीएम तखतपुर के साथ ही तहसीलदार तखतपुर को पिछले 12 मई को एक शिकायती पत्र सौंपा था। जिसमें उन्होंने टीकाकरण केंद्र पुराना कन्या शाला में 10 और 11 मई को हुई गंभीर लापरवाही का ब्यौरा दिया था। उन्होंने अपनी शिकायत में यह बात उजागर की थी कि 10 और 11 मई को बीपीएल कार्ड धारियों कोविशिल्ड टीका लगाया गया है। लेकिन उनके कार्ड में कोवैक्सीन लगाए जाने की जानकारी दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी लिखा था कि टीकाकरण के बाद बुखार से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को पेरासिटामोल का टेबलेट भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन इन 2 दिनों में यहां टेबलेट भी नहीं दिया गया। साथ ही वैक्सीन कराने वाले लोगों को बुखार आने पर रोकथाम के बारे में किसी तरह की समझाइश भी नहीं दी गई। ईश्वर देवांगन ने इस प्रकार की बदइंतजामियों को घोर लापरवाही बताते हुए आशंका जताई थी कि इससे नागरिकों के स्वास्थ्य की गंभीर क्षति हो सकती है। उन्होंने 10 और 11 मई की तारीख पर बीपीएल परिवारों को लगाए गए टीके के संबंध में सही जानकारी रजिस्टर में दर्ज कराने की मांग भी की थी। उन्होंने आम लोगों को टीकाकरण से संबंधित अधिकृत सूचना जारी करने ,नियमित रूप से विभागीय पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने और लगाए जा रहे टीके की सही जानकारी देने का भी अनुरोध किया था। उनकी ओर से उठाई गई यह ख़बर अख़बार में भी छपी थी ।

तख़तपुर नगर पालिका परिषद में नेता प्रतिपक्ष ईश्वर देवांगन की ओर से पेश किए गए इस शिकायती पत्र के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया ।  इसकी खबर जिला स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रमोद महाजन के पास भी पहुंची। इसके बाद डॉ. महाजन 12 मई को तखतपुर के दौरे पर गए और उन्होंने सांस्कृतिक भवन स्थित टीकाकरण केंद्र का मुआयना किया। डॉ. महाजन में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लोगों से इस बारे में जानकारी भी ली। माना जा रहा है कि सीएमएचओ के सामने भी इस तरह की गंभीर लापरवाही उजागर हो गई और उन्होंने नाराजगी जताते हुए इस गलती को सुधारने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद विभाग के लोगों ने तखतपुर मंडी चौक पुराना कन्या शाला में 10 एवं 11 मई को टीका लगवाने वाले बीपीएल कार्डधारियों को बुलाकर उनके कार्ड में कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड दर्ज किया। ऐसे कई कार्ड सीजीवाल को भी मिले हैं ,जिनमें इस तरह की काटापीटी की गई है। ऐसे राशन कॉर्ड भी मिले हैं, जिनमें सुधार नहीं किया गया है। जिससे जाहिर होता है कि तखतपुर के टीकाकरण केंद्र में बड़ी लापरवाही हुई है। आमतौर पर इस तरह की खबरें मिलने के बाद विभाग या प्रशासन का भी पक्ष लिए जाने का रिवाज है। लेकिन राशन कार्ड में की गई काटा पीटी को देखकर साफ समझा जा सकता है कि इसमें बड़ी चूक हुई है। सभी ज़ानते हैं कि इस बारे में अगर पूछा जाए तो रटे – रटाए जवाब के रूप में प्रशासनिक स्तर पर इसे लिपिकीय त्रुटि बताया जा सकता है। लेकिन जितनी संख्या में कार्ड में टीके का नाम गलत दर्ज किया गया है , उसे देखकर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इसे लिपकीय त्रुटि के दायरे में रखा जा सकता है….. ? एक – दो की संख्या मानी जा सकती है । लेकिन जिस तादाद में लोगों के कार्ड में गलत नाम दर्ज कर उसे फिर काटा गया है ।उससे लापरवाही साफ-साफ झलक रही है।

अगर पूरे मामले को देखें तो ईश्वर देवांगन की सजगता से यह बड़ी गलती प्रशासन के सामने आ गई। जिससे समय रहते उसे सुधार लिया गया। जाहिर सी बात है कि ऐसा ना होने पर जिन लोगों के राशन कार्ड में कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन दर्ज किया गया था।  उन्हें दूसरी डोज़ के समय कोविशिल्ड की जगह कोवैक्सीन का टीका ही लगाया जाता। वैसे भी आम लोगों में जागरूकता की कमी है और दूसरा डोज लगाते समय सरकारी अमला यही देखता की पहले रोज में किस टीके का नाम दर्ज है। यह स्थिति किसी के लिए भी नुकसानदायक हो सकती थी। जिसे एक पार्षद की सजगता से बचा लिया गया।लेकिन इस बड़े मामले में यह सवाल भी उठता है कि क्या बड़े पैमाने पर चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान उस पर निगरानी रखने और गलतियों को दुरुस्त करने के लिए सरकारी सिस्टम में कोई इंतजाम नहीं किया गया है……? जानकार यह भी मानते हैं कि तखतपुर का मामला एक नज़ीर हो सकता है। मुमकिन है कि देहात के इलाकों में इस तरह की चूक और भी हो सकती है। जिस पर व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों को नजर रखकर सही स्थिति का पता लगाना चाहिए।

हमने इस संबंध में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी राय ली। उनका कहना है कि इम्युनिटी बढ़ाने और एंटीबॉडी के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। जितने तरह के वैक्सीन आ रहे हैं सभी का फार्मूला अलग है। लिहाजा जिस टीके का पहला डोज लगाया गया है उसी टीके का दूसरा डोज़ लगाया जाना चाहिए। यदि गलत नाम दर्ज होने से पहले रोज के टीके और दूसरे रोज के टीके में फर्क होगा तो इससे मरीज को और कोई नुकसान हो या ना हो ,लेकिन यह नुकसान तो जरूर होगा कि उसे जिस मकसद से टीका लगाया जा रहा है, वह पूरा नहीं हो सकेगा। चूँकी अलग अलग किस्म के टीके होने की वजह से एंटीबॉडी बनाने और इम्युनिटी बढ़ाने में अपेक्षा के अनुरूप मदद नहीं मिल सकेगी। स्पेशलिस्ट की यह इस बात से साफ होता है कि टीके का नाम गलत दर्ज होने से वैक्सीनेशन अभियान को बड़ा नुकसान हो सकता है।इस ख़बर को सामने लाने के पीछे हमारा मक़सद वैक्सीनेशन के काम में लगे लोगों पर की लाँछन लगाना नहीं है…..। अलबत्ता इसके ज़रिए एक ऐसी लापरवाही को व्यवस्था के ज़िम्मेदार लोगों के सामने लाना हमारा मक़सद है, जिसे दूर नहीं किया गया तो आने वाले समय में बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।

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