Omicron से बनी एंटीबॉडी ज्यादा मजबूत, नहीं होगा Covid के दोबारा होने का खतरा

Shri Mi
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दिल्ली।कोरोना वायरस के ओमिक्रोन (Omicron) वेरिएंट को अब तक का सबसे संक्रामक वेरिएंट बताया जा रहा है. भारत में भी इसके मामलों की संख्या पिछले दिनों तीन लाख से पार पहुंच गई थी. आईसीएमआर (ICMR) की हालिया स्टडी में एक राहत भरी खबर भी सामने आई है. इस स्टडी के मुताबिक ओमिक्रोन (Omicron) से संक्रमित मरीज के ठीक होने के बाद उसमें एंटीबॉडी की क्षमता इतनी होती है कि कोरोना के दूसरे वेरिएंट को खत्म कर सकती है.

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डेल्टा वेरिएंट का खतरा भी ना के बराबर
स्टडी में कहा गया कि यह न सिर्फ ओमिक्रोन बल्कि सबसे खतरनाक डेल्टा सहित कोरोना के बाकी वेरिएंट पर भी कारगर है. साथ ही डेल्टा वेरिएंट से दोबारा संक्रमित होने का खतरा भी ना के बराबर होता है. शोध से पता चला है कि एस्ट्रेजेनेका, फाइजर या मॉडर्न टीके की दो खुराक के 4 महीने बाद ओमिक्रोन संक्रमण से लगभग 20 फीसदी सुरक्षा थी. ओमिक्रोन को लक्षित करने वाला टीका व्यक्ति और जनसंख्या दोनों स्तरों पर वेरिएंट के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा. 

एक और स्डटी में सामने आया है कि ओमिक्रोन के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन की दो डोज के अलावा बूस्टर डोज को काफी असरदार माना जा रहा है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की बूस्टर डोज (Covaxin booster dose) को ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट पर असरदार पाया गया था. अब एस्ट्राजेनेका बूस्टर डोज पर भी अच्छी खबर आई है. नई स्टडी में में पाया गया है कि एस्ट्राजेनेका की बूस्टर डोज वैक्सजेवरिया (Vaxzevria) ओमिक्रॉन के खिलाफ बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबॉडी बनाती है. डेटा से पता चला कि COVID-19 की तीसरी डोज वैक्सजेवरिया ओमिक्रोन वेरिएंट के साथ-साथ बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा सहित अन्य वैरिएंट्स खिलाफ बहुत अच्छी एंटीबॉडी बनाती है.  

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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