Adhik Maas: आज 18 जुलाई से अधिक मास की शुरुआत हो गई है जो कि 16 अगस्त तक चलेगा। इसे पुरुषोत्तम मास और मलमास के नाम से भी पहचाना जाता है। 19 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बना है जब सावन में अधिकमास आया है। श्री हरि विष्णु की पूजन का इस समय में काफी महत्व होता है और कुछ कार्य विशेष फलदायी होते हैं।
अधिक मास श्री हरि विष्णु और भगवान शिव के पूजन अर्चन के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में किए गए जप तप पुण्य पाठ पूजन काफी लाभकारी होते हैं। जिस वर्ष में सूर्य संक्रांति नहीं पड़ती है। वह अधिक मास में गिना जाता है और 3 सालों के अंतराल के बाद ऐसा योग देखने को मिलता है। सूर्य संक्रांति न पड़ने का सीधा संबंध सूर्य और चंद्रमा से होता है।
अधिक मास में दान का विशेष महत्व माना जाता है। इस समय में अनाज, धान, जूते चप्पल, कपड़ों का दान देना अच्छा होता है। बारिश का समय होने से इस दौरान छाते का दान भी किया जा सकता है। शिवजी के मंदिरों में इस दौरान अबीर गुलाल, हार फूल, चंदन, बिल्व पत्र, जनेऊ, दूध, दही, घी जैसी चीजों का दान करना चाहिए।Adhik Maas
अधिक मास का सीधा संबंध श्री हरि विष्णु की पूजा से होता है इसलिए इस दौरान सत्यनारायण की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। विष्णु जी की पूजन अर्चन करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
ग्रह दोष का निवारण करने के लिए अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के दोष समाप्त होते हैं और घर में सुख शांति का वास होता है।Adhik Maas
अगर आप काफी समय से यज्ञ या अनुष्ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिक मास इसके लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है। अधिक मास में किए गए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान विशेष फल प्रदान करते हैं। इससे भगवान भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।शास्त्रों में दिए गए उल्लेख तो बता दो अधिक मास में श्री हरि विष्णु के अवतारों की पूजन करने का विशेष महत्व होता है। इस समय कुछ लोग ब्रज भूमि की यात्रा पर भी जाते हैं।
Adhik Maas: मलमास में शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। शादी के विवाह जैसी चीजों के अलावा इस समय में नया व्यापार भी शुरू नहीं किया जाता। मुंडन, गृहप्रवेश, कर्णवेध जैसे कार्यों पर भी इस दौरान रोक रहती है। मलमास होने के चलते इस बार सावन 2 महीने का रहेगा, जो शिव कृपा बरसाएगा।
( यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। सीजीवाल इनकी पुष्टि नहीं करता।)