Election/कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी ने कुछ दिन पहले ही एक बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विज्ञापन जारी किया था। उस विपक्षापन में करप्शन का रेट कार्ड दिखाया गया था।
लेकिन उसी विज्ञापन को लेकर पहले बीजेपी ने राहुल गांधी, डीके शिवकुमार और दूसरे बड़े कांग्रेस नेताओं को लीगल नोटिस भेजा तो वहीं चुनाव आयोग ने भी आचार सहिंता का उल्लंघन माना है।Election
असल में कांग्रेस ने अखबारों में एक विज्ञापन छपवा दिया था जिसमें बताया गया था कि बीजेपी सरकार के दौरान राज्य में किस तरह से अलग-अलग काम के लिए रेट चार्ज किए गए। हर ट्रांसफर पर सरकार ने कितने रुपये खाए, कैसे कमीशन लिया गया, इन सब की एक लिस्ट जारी की गईElection
लेकिन चुनाव आयोग ने उस विज्ञापन को गलत माना है और जोर देकर कहा गया है कि पार्टियों पर हमला किया जा सकता है, लेकिन निजी हमले सही नहीं। अभी के लिए चुनाव आयोग ने कांग्रेस से इस पूरे विवाद पर कल शाम सात बजे तक जवाब मांगा है।
समय रहते जवाब नहीं दिया गया तो आयोग पार्टी के खिलाफ सख्त एक्शन भी ले सकता है। पार्टी से विज्ञापन में किए गए वादों के सबूक भी मांगे गए हैं। अभी तक इस नोटिस पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग के सामने एक अलग ही मांग रख दी है।
अशोक गहलोत की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान पर रोक लगा देनी चाहिए।
सीएम ने तर्क दिया है कि जिस तरह से पीएम ने अपनी चुनावी सभा में बजरंग बलि का इस्तेमाल किया, वो गुमराह करने वाला रहा, ऐसे में उनके खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए। अभी के लिए दोनों कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
कर्नाटक चुनाव की बात करें तो 10 मई को वोटिंग होने वाली है और 13 मई को नतीजे आएंगे। वर्तमान में राज्य में बीजेपी की सरकार है और बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उस समय बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसके खाते में 104 सीटें गई थीं, कांग्रेस की बात करें तो उसका आंकड़ा 80 पहुंच पाया था और जेडीएस को 37 सीटों के साथ संतुष्ट करना पड़ा था।